स्वास्थ्य संबंधी याचिका: शीर्ष अदालत ने जनजातीय आबादी के स्वास्थ्य सुधार संबंधी याचिका पर केंद्र सरकार और एसटी आयोग से मांगा जवाब

शीर्ष अदालत ने जनजातीय आबादी के स्वास्थ्य सुधार संबंधी याचिका पर केंद्र सरकार और एसटी आयोग से मांगा जवाब
  • आदिवासी समुदाय की स्वास्थ्य योजनाओं पर सुप्रीम कोर्ट गंभीर
  • मामले की अगली सुनवााई चार सप्ताह बाद होगी।
  • एनजीओ महान ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. आशीष सातव और दो अन्य याचिकाकर्ताओं ने लगाई याचिका

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने आज शुक्रवार को जनजातीय आबादी के स्वास्थ्य में सुधार के उपाय करने के अनुरोध संबंधी याचिका पर केंद्र और एनएसटीसी अन्य संबंधित विभागें से जवाब मांगा। जस्टिस बी आर गवई एवं जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने इस पूरे मामले की सुनवाई के लिए सहमति जताते हुए केंद्र और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा। मामले की अगली सुनवााई चार सप्ताह बाद होगी। याचिका में होम आधारित बाल देखभाल, गंभीर कुपोषण का समुदाय आधारित प्रबंधन, आर्थिक रूप से उत्पादक आयु वर्ग के लिए मृत्यु नियंत्रण कार्यक्रम और स्वास्थ्य क्षेत्र में सार्वजनिक निजी भागीदारी सहित तमाम उपायों को लागू करने की मांग की गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने देश के आदिवासी आबादी के स्वास्थ्य में सुधार को लेकर पहल की है। आदिवासियों की सेहत से जुड़ी योजनाओं को लेकर दायर याचिका दर्ज हुई है। आपको बता दें याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में आरोप लगाया गया कि कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी के चलते लाभों का मनमाना और असमान वितरण हुआ। यह समानता और सम्मानजनक जीवन के अधिकार का उल्लंघन है।

एनजीओ महान ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. आशीष सातव और दो अन्य याचिकाकर्ताओं ने याचिका लगाई। टॉप कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए जवाब मांगा । याचिकाकर्ता के वकील रानु पुरोहित ने कहा कि एनजीओ महाराष्ट्र के मेलाघाट क्षेत्र में जनजाति समुदाय को फ्री चिकित्सा देखभाल और स्वास्थ्य सेवा प्रोवाइड कर रहा है। ट्रस्ट ने बारीकी से समुदाय के लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं को जांचा है। साथ ही इनके समाधान भी सुझाए हैं।

खबरों से मिली जानकारी के अनुसार याचिका में कहा गया है कि महाराष्ट्र में यह उपाय बॉम्बे उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद क्रियान्वित हुए। 2015 से 2023 तक राष्ट्रीय स्तर पर एसटी समुदायों की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार के लिए ट्रस्ट और अधिकारियों के बीच कई बैठकें भी हुईं। ट्रस्ट ने अधिकारियों से आवेदन देकर सिफारिशों पर विचार करने को कहा, लेकिन कोई विचार नहीं हुआ। एसटी क्षेत्रों के विकास के लिए निर्धारित धन का इस्तेमाल न होने का दावा किया है।

Created On :   21 Feb 2025 4:58 PM IST

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