Shahdol News: राउंड अप 2024- सडक हादसों में 213 जानें गईं, हेलमेट नहीं लगाने के कारण आधे से ज्यादा मौतें
- शहडोल में वाहन चलाने के दौरान सावधानी
- सर्वाधक ब्लैक स्पॉट वाले जिलों में प्रदेश में पांचवा स्थान
- हेलमेट नहीं लगाने के कारण आधे से ज्यादा मौतें
Shahdol News। सडक़ पर वाहन चलाने के दौरान चार पहिया वाहन में सीट बेल्ट और दोपहिया वाहन में हेलमेट लगाना कितना जरूरी है इसका अंदाजा इस साल के 11 महीने में सामने आए हादसों से लगाया जा सकता है। जनवरी से नवंबर माह तक 635 हादसों में 213 लोगों की जान चली गई तो जानकर ताज्जुब होगा कि इनमें से 118 लोगों की जान सिर्फ इसलिए चली गई क्योंकि वे लोग हेलमेट नहीं लगाए थे। इसी प्रकार चार पहिया वाहन में 7 लोगों की जान सीट बेल्ट नहीं लगाने के कारण गई। खासबात यह है कि इनमें सर्वाधिक मौतें मई माह में हुई। इसमें दोपहिया वाहन में हेलमेट नहीं लगाने वाले 21 और चार पहिया वाहन सीट बेल्ट नहीं लगाने वाले तीन लोगों को जान गवानीं पड़ी। शहडोल जिले में चारपहिया वा दोपहिया वाहन चलाने वालों को सावधानी बरतना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि मध्यप्रदेश में सर्वाधिक ब्लैक स्पॉट वाले जिलों में शहडोल का स्थान प्रदेश में पांचवे स्थान पर है। प्रदेश में सर्वाधिक ब्लैक स्पॉट जबलपुर में 38, खरगौन में 24, इंदौर ग्रामीण, बड़वानी, शहडोल व सागर में 18-18, रायसेन में 17, धार में 16 और भोपाल व इंदौर में 14-14 ब्लैक स्पॉट हैं।
साल दर साल बढ़ते हादसे
वर्ष दुघर्टना मृतक गंभीर घायल
2022 668 197 100 827
2023 593 197 55 747
2024 655 213 82 647
हेलमेट और सीट बेल्ट से फायदे के बाद भी बहाने
सडक़ हादसे का ताजा मामला शुक्रवार रात करीब 11 बजे नेशनल हाइवे 43 में सामने आया। यहां एक ट्रक चालक ने दोपहिया वाहन चालक को ठोकर मारी तो स्पॉट पर ही उसकी मौत हो गई। यातायात विभाग के जानकार बताते हैं कि युवक ने हेलमेट लगाई होती तो शायद जान बच जाती।
पुलिस कई बार हेलमेट की जांच करती है तो बचने के लिए लोग दूसरों का हेलमेट लेकर जांच प्वाइंट पार करते हैं। जबकि हेलमेट के लिए बहाने नहीं बल्कि जागरूकता के साथ लगानी चाहिए।
चार पहिया वाहनों में सीट बेल्ट नहीं लगाने पर बीप बजती है तो कई वाहन चालक इसके लिए अलग से लॉक लेकर रखते हैं पर सीट बेल्ट नहीं लगाते।
हाइवे में सावधानी बहुत जरूरी
वाहन चलाने के दौरान वैसे तो सभी स्थान पर सावधानी जरूरी है पर सबसे ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत हाइवे में है। नेशनल हाइवे में चार वाहनों की पट्टी में तेज रफ्तार वाहन चलते हैं। कई बार ऐसा होता है कि दोपहिया वाहन चालक चार पहिया वाहन की पट्टी में वाहन चलाते हैं। ऐसे में दुघर्टना की आशंका बढ़ जाती है। हाइवे में दोपहिया वाहन के लिए किनारे से अलग से पट्टी होती है, कोशिश होनी चाहिए वाहन वहीं चलाएं। इसके अलावा हेलमेट सुरक्षा के लिए बहुत ही जरूरी है।- मुकेश दीक्षित डीएसपी यातायात शहडोल
Created On :   29 Dec 2024 9:27 PM IST