'जंगल में सेना का डेरा': रियासी में सेना और CRPF की 11 टीमों का सर्च ऑपरेशन जारी, ड्रोन और स्थानीय लोगों की मदद से दिया जा रहा है अंजाम
- सर्च ऑपरेशन में लगी हुई हैं 11 टीमें
- ड्रोन और स्थानीय लोगों की मदद से दिया जा रहा है अंजाम
- TRF संगठन की सक्रियता जम्मू-कश्मीर में बढ़ी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में हुए आतंकी हमले ने देश में शोक की लहर पैदा कर दी है। 9 जून को हुए हमले के बाद सीआरपीएफ की 11 टीम आतंकियों को तलाशने में जुटी हुई है। शिवखोड़ी धाम से लौट रही तीर्थयात्रियों से भरी बस पर आतंकियों ने गोलियां बरसाकर 9 लोगों की जान ले ली। हमले में 41 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। जो इस वक्त रियासी जिले के स्थानीय अस्पताल में भर्ती हैं। जंगलों में भारतीय सेना के साथ सीआरपीएफ की 11 टीमें सर्च ऑपरेशन में लगी हुई हैं। बता दें कि, आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के आतंकियों को पकड़ने के लिए कॉम्बिंग ऑपरेशन जारी है। आतंकियों को पकड़ने के लिए कमांडो और ड्रोन की मदद ली जा रही है।
जानिए पूरा मामला
घटना की टाइमिंग पर भी सवाल उठ रहे हैं। आतंकियों ने इस बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए 9 जून की शाम का समय चुना। उस वक्त नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे थे। इसी दौरान जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में TRF के आतंकवादियों ने खतरनाक घटना को अंजाम दे दिया। शिवखोड़ी मंदिर से माता वैष्णो देवी मंदिर के बेस कैंप लौट रही तीर्थयात्रियों की बस पर आतंकियों ने फायरिंग कर 9 लोगों को गोलियों से छलनी कर दिया। शिवखोड़ी मंदिर से लौट रही बस कुछ ही दूर पहुंची थी, तभी गोलीबारी शुरू हो गई। इस दर्दनाक हमले का शिकार 3 साल का एक मासूम बच्चा भी बना। वहीं, लगभग 41 लोग घायल हुए। जानकारी के मुताबिक, आंतकवादी सड़क से सटे जंगल में छिप कर बस का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने बस को देखते ही गोलियां बरसानी शुरू कर दी। गोली सबसे पहले बस चालक को लगी। जिसके चलते बस का संतुलन डगमगा गया और बस खाई में जाकर गिर गई। घायलों का कहना है कि बस के खाई में गिरने के बाद भी आतंकियों ने फायरिंग जारी रखी। बता दें बस उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान के श्रद्धालुओं से भरी हुई थी।
9 लोगों की मौत 41 घायल
हमले में कुल 9 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में बस चालक, कंडक्टर समेत 4 राजस्थान और 3 उत्तर प्रदेश के भक्त शामिल हैं। राजस्थान के एक ही परिवार के चार लोगों की इस दर्दनाक आतंकवादी हमले में मौत हो गई है। इनमें एक 3 साल का मासूम भी शामिल है। वहीं, 41 लोग बुरी तरह जख्मी हुए हैं। इसके बाद घटनास्थल पर पुलिस पहुंची और आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों की मदद से हादसे का शिकार हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया।
NIA करेगी जांच पड़ताल
इस घटना की जांच का जिम्मा NIA को दिए जाने के साथ अस्थाई जॉइंट ऑपरेशन हेड क्वार्टर बनाया गया है। जिसमें पुलिस और भारतीय सेना के साथ CRPF के जवान शामिल हैं। कॉम्बिंग ऑपरेशन जारी है। जिसमें पुलिस, सेना और NIA (National Investigation Agency) शामिल हैं। वहीं, इस मामले की जांच केंद्रीय खुफिया एजेंसी भी कर रही है। रियासी के जंगलों को जवानों ने घेर लिया है। हमले को अंजाम देने वाले 2 से 3 आतंकियों को पकड़ने के लिए ड्रोन उड़ाया जा रहा है।
जम्मू कश्मीर में बस पर हमला करने वाले द रेजिस्टेंस फ्रंट के लोग हैं। 2019 में यह आतंकी संगठन बना था। जिसे भारत सरकार ने पिछले ही साल बैन किया था। साथ ही, TRS को आतंकवादी संगठन का करार दिया था। आर्टिकल 370 खत्म करने के बाद से ही इस संगठन की सक्रियता जम्मू-कश्मीर में बढ़ी है। हाल ही में राजौरी और पुंछ में आतंकी हमले के पीछे भी इस टीआरएस का हाथ बताया जाता है।
जंगल को बनाया ठिकाना
फायरिंग के बाद आतंकी जंगल में चले गए थे और अभी भी वहीं हैं। सुरक्षा बलों के मुताबिक, आतंकवादी रियासी जिले के जंगल में अभी भी छिपे हुए हैं। लगभग 2 से 3 आतंकियों को पकड़ने के लिए सेना बल जोरों-शोरों से लगी हुई है।
सरकार देगी मुआवजा
घटना में जिन लोगों ने अपने घर के सदस्य खोया है, उन्हें भारत सरकार की ओर से 10 लाख दिए जाएंगे। वहीं, आतंकी हमले में घायल हुए लोगों को 50,000 रुपये भारत सरकार देने का वादा किया है।
Created On :   11 Jun 2024 3:14 PM IST