हिंदू आचार संहिता: महिलाओं को यज्ञ का अधिकार, विधवा विवाह को छूट, जन्मदिन मनाने के नए नियम, ऐसी ही नए नियमों के साथ लागू होगी हिंदू आचार संहिता!
- प्रयागराज में अगले साल होने वाला है महाकुंभ
- हिंदू आचार संहिता में किया गया बदलाव
- ये नियम होंगे लागू
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में अगले वर्ष 2025 में होने जा रहा है। विश्व भर में रह रहे हिंदू धर्म के लोगों की नजर इस बार अगले साल के महाकुंभ पर है। माना जा रहा है कि महाकुंभ के खास अवसर पर हिंदू आचार संहिता को जारी किया जाएगा। इस आचार संहिता में हिंदू धर्म में होने वाले कई संस्कारों के नियमों को सामान्य बनाया गया है। दिन में शादी करना और महिलाओं को यज्ञ की आजादी देने जैसे कई नियम हिंदू आचार संहिता में होंगे। हिंदू आचार संहिता अब अपने अंतिम चरण में है और अगले साल महाकुंभ के मौके पर इसे देश की जनता को सौंपा जाएगा।
इस आचार संहिता को काशी विद्वत परिषद ने तैयार किया है। इस आचार संहिता को बनने में लगभग 351 सालों का समय लगा है। इसमें पूजा-पाठ, विवाह, मृत्यु भोज, यज्ञ से लेकर तमाम हिंदु धर्म के संस्कारों में बदलाव किए जाने की संभावना है। बता दें कि महाकुंभ में हिंदू आचार संहिता पर मुहर लगने के बाद इसे विधिवत रूप से पेश किया जाएगा।
आचार संहिता बनाने में 351 साल लगे
हिंदू आचार संहिता को बनाने में 351 सालों का वक्त लगा। आपको बता दें कि इसे 50 से ज्यादा विद्वानों की टीम ने काशी विद्वत परिषद के निर्देशन में मिलकर तैयार किया है। इसे कुल 70 विद्वानों ने मिलकर तैयार किया है। जिसमें 11 टीम और तीन उपटीम शामिल हैं। हर टीम में उत्तर और दक्षिण के 5-5 विद्वानों को रखा गया है। विद्वानों के मुताबिक सबसे पहले मनु स्मृति, फिर पाराशर और उसके बाद देवल स्मृति का निर्माण किया गया था। इसे बनाने में श्रीमद्भागवद गीता, रामायण, महाभारत से भी मदद ली गई है।
दिन में होंगी शादियां, महिलाएं भी कर पाएंगी यज्ञ
हिंदू आचार संहिता में पूजा-पाठ, विवाह, संस्कारों, मंदिर जाने और बैठने का तरीकों के नियमों को बनाया गया है। इस आचार संहिता में महिलाओं को भी वेद साधना और यज्ञ करने की आजादी दी गई है। विवाह के नियमों में बदलाव किया गया है और अब रात की जगह दिन में भी विवाह किया जा सकता है। मृत्यु भोज के नियमों में भी बदलाव किया गया है। मृत्यु भोज में बैठने वाले ब्राह्मणों की न्यूनतम संख्या 16 निर्धारित की गई है।
जन्मदिन समारोह में भारतीय परंपराओं के पालन पर जोर
हिंदू आचार संहिता में कई नियम नए हैं तो कई नियमों में बदलाव भी किया गया है। इसमें जन्मदिन समारोह जैसे आयोजनों को भारतीय परंपराओं का पालन करने पर जोर दिया गया है। इसके अलावा विधवा विवाह की व्यवस्था को भी इसमें जोड़ा गया है। इसके साथ ही समय के अनुसार षोडश संस्कारों को भी सरल बनाया गया है। साल 2025 के महाकुंभ में अंतिम मुहर लगने के बाद नई हिंदू आचार संहिता की प्रतियां देश में बांटी जाएंगी। पहले चरण में लगभग एक लाख प्रतियां छापी जाएंगी।
Created On :   20 Feb 2024 7:59 PM IST