अमेरिका यात्रा के बाद मिस्र पहुंचे पीएम मोदी, जानिए भारत के लिए मिस्र की अहमियत
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के बाद अब मिस्र की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं। पीएम मोदी मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी के निमंत्रण पर यहां पहुंचे हैं। यह यात्रा कई मायने में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बता दें 1977 के बाद से किसी भी भारतीय पीएम की यह पहली आधिकारिक द्विपक्षीय यात्रा है।
यह यात्रा दोनों ही देशों की दोस्ती को नई उंचाईयों तक पंहुचाने में मदद करेगी। हाल ही में 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल-सीसी को भारत ने मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था। ऐसा पहली बार हुआ था जब मिस्र के किसी राष्ट्रपति को यह सम्मान दिया गया।
मिस्र के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के बाद से ही दोनों देशों के बीच दोस्ती और भी मजबूत हुई है। पीएम मोदी ने मिस्र के साथ रिश्तों को मजबूती देने की दिशा में काम किया है। भारत की अध्यक्षता के दौरान जी 20 शिखर सम्मेलन में विशेष अतिथि के रूप में मिस्त्र के राष्ट्रपति को आमंत्रित किया गया है।
1000 साल पुरानी मस्जिद जाएंगे मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी यात्रा की शुरुआत में उच्च स्तरीय मंत्रियों की एक विशेष मीटिंग में रणनीतिक बातचीत करेंगे। जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी मिस्र में रहने वाले भारतीय समुदाय के साथ भी एक बैठक करेंगे। साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी मिस्र की राजधानी काहिरा में स्थित 1000 साल पुरानी मशहूर अल हकीम मस्जिद भी जाएंगे। यहां पर पीएम मोदी दाऊदी बोहरा समुदाय से मुलाकात करेंगे।
एएनआई की रिपोर्ट की मानें तो अल हकीम मस्जिद दाऊदी बोहरा समुदाय के लिए अहम सांस्कृतिक स्थल है। देश की चौथी सबसे पुरानी ऐतिहासिक मस्जिद को बोहरा समुदाय के सहयोग से हाल ही में मिस्र सरकार ने पुनर्निर्मित किया था।
द्विपक्षीय वार्ता में शामिल होंगे मोदी
यात्रा के दौरान यहां पीएम मोदी राष्ट्रपति अल-सीसी के साथ द्विपक्षीय वार्ता में शामिल होंगे। दोनों देशों के बीच कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।
पीएम मोदी की यात्रा से उम्मीद
पीएम मोदी काहिरा में द्विपक्षीय वार्ता करेगें। मिस्र सरकार के वरिष्ठ नेताओं और मिस्र की प्रमुख हस्तियों के साथ के बातचीत के अलावा प्रवासी भारतीयों से भी मुलाकात करेंगे। दरअसल, पीएम मोदी की इस यात्रा को अहम इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि पीएम मोदी की इस यात्रा की घोषणा ऐसे समय में की गई थी जब मिस्र द्वारा ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) की सदस्यता के लिए कुछ दिनों पहले ही औपचारिक रूप से आवेदन किया गया था। मिस्र बिक्स देशों के साथ अपने व्यापार मे अमेरिकी डॉलर को छोड़ने का योजना में तेजी से दिलचस्पी दिखा रहा है। साफ है कि मिस्त्र उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ अपने मजबूत संबंध स्थापित करना चाहता है, ऐसे में पीएम मोदी की यह यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
उम्मीद की जा रही है कि यात्रा के दौरान, रक्षा सहयोग, शिक्षा और ब्रिक्स में शामिल होने के लिए मिस्र के आवेदन पर बातचीत होगी। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट अनुसार मिस्त्र के तेजी से आर्थिक विकास करने की उम्मीद है। मिस्त्र का स्वेज नहर में भारी मात्रा में प्राकृतिक संसाधन और रणनीतिक नियंत्रण है।
भारत के लिए मिस्र की अहमियत
मिस्र भारत का पुराना मित्र है, वहीं इसे व्यापार की अहमियत से देखें तो मिस्र, पश्चिम एशिया में सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। भारत के लिए यह एक बड़ा बाजार है। मिस्र को आफ्रीका और यूरोप दोनों के लिए प्रवेश द्वार माना जाता है। मिस्र को भारत मुस्लिम-बहुल देशों के बीच एक उदार इस्लामी देश और इस्लामिक सहयोग संगठन में एक अहम भागीदार देश के रुप में देखता है।
2023 में ही मिस्र के राष्ट्रपति अल-सीसी गणतंत्र दिवस के मौके पर जब भारत आए थे तब तय हुआ था कि आने वाले पांच सालों में दोनों देश मौजूदा 7 अरब डॉलर के व्यापार को बढ़ा कर 12 अरब डॉलर तक पहुंचाएंगे। इसी साल जनवरी में पहली बार दोनों देशों की सेनाओं ने साझा सैन्य अभ्यास भी किया था। मिस्र ने भारत से तेजस लड़ाकू विमान, रडार, सैन्य हेलिकॉप्टर और आकाश मिसाइल सिस्टम खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी।
दशकों से भारत की पहचान ऐसे देश के रूप में रही है जो दूसरे देशों से हथियार खरीदता रहा है। लेकिन अब जब भारत रक्षा क्षेत्र से जुड़े उपकरण और हथियार खुद बनाने के साथ ही 42 देशों को बेच रहा है। ऐसे में भारत इन खरीददार देशों में मिस्र को भी देखना चाहता है।
Created On :   24 Jun 2023 11:28 PM IST