सीमा सुरक्षा: इंडो-म्यांमार, भूटान -चीन सीमा पर हमारी नजर, थल सेना प्रमुख बोले पूर्वोत्तर में बेहतर हुए हालात

इंडो-म्यांमार, भूटान -चीन सीमा पर हमारी नजर, थल सेना प्रमुख बोले पूर्वोत्तर में बेहतर हुए हालात
  • सीमा पर स्थिर और सुरक्षित वातावरण के लिए प्रतिबद्ध
  • आर्थिक क्षेत्र में प्रगति के पथ पर मजबूती से आगे बढ़ रहा भारत
  • सीमा पर बाड़ेबंदी की मजबूती पर विचार

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल ने कहा, "हमारा देश आर्थिक क्षेत्र में प्रगति के पथ पर मजबूती से आगे बढ़ रहा है। हम अपने देश की प्रगति में मदद करने के लिए आंतरिक और बाहरी दोनों तरह से एक स्थिर और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

अग्निवीरों को लेकर थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को कहा 'अग्निवीरों के पहले दो बैच फील्ड यूनिट में तैनाती के लिए पूरी तरह तैयार हैं और इनके फीडबैक काफी अच्छे और उत्साहजनक हैं। 120 महिला अधिकारियों को भी कमांड भूमिका में स्थायी कमीशन दिया गया है और उनकी फील्ड एरिया में भी तैनाती की गई है। वह भी अच्छा काम कर रही हैं। मणिपुर हिंसा पर जनरल मनोज पांडे ने कहा कि राज्य सरकार, सेना और असम राइफल्स के संयुक्त प्रयासों से हालातों पर काबू है, राज्य में शांति है।

आपको बता दें डोकलाम को लेकर चीन और भूटान के बीच बातचीत चल रही है। भूटान और चीन के बीच जारी सीमा वार्ता पर सेना प्रमुख ने कहा इस हमारी नजर बनी हुई है। डोकलाम को लेकर भूटान और चीन के बीच विवाद चल रहा है। डोकलाम एक ट्राई जंक्शन जहां भूटान, चीन और भारत की सीमा है। डोकलाम को लेकर 2017 में भारत और चीन के बीच विवाद हो चुका है। डोकलाम का इलाका भारत के चिकन नेक कहे जाने वाले उत्तर पूर्वी इलाके के नजदीक है। भारत के लिए डोकलाम का इलाका बेहद अहम है, और किसी भी हालात में भारत नहीं चाहता कि डोकलाम में चीन का दबदबा रहे।

भारत-म्यांमार सीमा से कुछ म्यांमार के लोग मिजोरम और मणिपुर में शरणार्थी बन रहे है। कुछ विद्रोही समूह भी सीमा पर तनाव पैदा कर सकते है, और लोगों के भारत में आने की कोशिश कर सकते है। सरकार ने सीमा पर नजर बनाए रखने के लिए असम राइफल्स को अलर्ट कर दिया है,और सीमा पर बाड़ेबंदी को भी मजबूत करने पर विचार हो रहा है।

Created On :   11 Jan 2024 2:50 PM IST

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