भारत में रात्रि कर्फ्यू का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं

WHO scientist says No scientific basis for night curfew in India
भारत में रात्रि कर्फ्यू का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं
डब्ल्यूएचओ वैज्ञानिक भारत में रात्रि कर्फ्यू का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने जोर देकर कहा है कि जब कोविड वैरिएंट्स के प्रसार से निपटने की बात आती है तो रात के कर्फ्यू के पीछे कोई विज्ञान नहीं है।

एक टीवी मीडिया साक्षात्कार में, उन्होंने कहा कि भारत जैसे देशों को वायरस के प्रसार को रोकने के लिए विज्ञान आधारित नीतियां बनानी चाहिए।

सौम्या ने सीएनबीसी-टीवी 18 से बातचीत में कहा, रात के कर्फ्यू जैसी चीजें.., इसके पीछे कोई विज्ञान नहीं है। साक्ष्य-आधारित उपाय करने होंगे। सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की एक पूरी सूची है।

स्वामीनाथन ने कहा, मनोरंजन स्थल वे स्थान हैं जहां ये वायरस सबसे अधिक फैलते हैं। वहां कुछ प्रतिबंध लगाना स्वाभाविक है।

उन्होंने कहा कि भारतीयों को तैयार रहने की जरूरत है, घबराने की नहीं।

डब्ल्यूएचओ की वैज्ञानिक ने कहा, हम भारत में ओमिक्रॉन के मामलों में वृद्धि देखने की उम्मीद कर सकते हैं, मुझे लगता है कि यह अभी कुछ शहरों में शुरू हो रहा है और बहुत से लोगों को संक्रमित करने वाला है।

पिछले 24 घंटों में अत्यधिक तेजी से फैलने वाले कोविड वैरिएंट ओमिक्रॉन के 309 नए मामलों का पता चलने के साथ, शुक्रवार को भारत में कुल ओमिक्रॉन मामलों की संख्या बढ़कर 1,270 हो गई। इनमें से 374 को छुट्टी दे दी गई है।

अब तक जिन 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ओमिक्रॉन संक्रमण की सूचना दी है, उनमें से महाराष्ट्र इस वैरिएंट के 450 मामलों के साथ सूची में सबसे ऊपर है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इनमें से 125 मरीजों को छुट्टी दे दी गई है।

दिल्ली में (320) ओमिक्रॉन संक्रमण के दूसरे सबसे ज्यादा मामले हैं। हालांकि, इनमें से 57 को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है।

शुक्रवार को एक अलग ट्वीट में, स्वामीनाथन ने कहा, अस्पताल में भर्ती होने में इजाफा हो रहा है, जिनमें ज्यादातर बिना टीकाकरण वाले लोग हैं। भले ही ओमिक्रॉन से कम गंभीर बीमारियां हो रही हैं, मगर एक बड़ी संख्या का कम प्रतिशत भी बहुत बड़ा होता है और इससे स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सकती है।

डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने इस बात पर भी जोर दिया है कि कोरोना का कोई भी वैरिएंट (कोविड वैरिएंट, ओमिक्रॉन या डेल्टा) हो, वैक्सीनेशन सुरक्षा प्रदान करता है। इससे अस्पताल जाने की संभावना कम होती है और मौत का खतरा भी कम रहता है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   31 Dec 2021 6:30 PM IST

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