कहां है 20 लोगों की बेहरमी से हत्या करने वाला बिट्टा कराटे, पहले सरेआम की थी पक्के दोस्त की हत्या, फिर घाटी में बरपाई हैवानियत

Where is Bitta Karate, who brutally murdered 20 people?
कहां है 20 लोगों की बेहरमी से हत्या करने वाला बिट्टा कराटे, पहले सरेआम की थी पक्के दोस्त की हत्या, फिर घाटी में बरपाई हैवानियत
द कश्मीर फाइल्स कहां है 20 लोगों की बेहरमी से हत्या करने वाला बिट्टा कराटे, पहले सरेआम की थी पक्के दोस्त की हत्या, फिर घाटी में बरपाई हैवानियत
हाईलाइट
  • अपने दोस्त के मर्डर से शुरू किया हैवानियत का सिलसिला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कश्मीरी पंडितों पर किए गए जुल्म और हैवानियत को दिखाती विवेक अग्निहोत्री की फिल्म "द कश्मीर फाइल्स" चारों तरफ सुर्खियां बटोर रही है। 11 मार्च को कम स्क्रीन पर रिलीज होने के बावजूद इस फिल्म ने करिश्मा कर दिखाया है।

सोशल मीडिया पर काफी वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें दर्शक रोते हुए दिखाई दे रहे हैं, कुछ पीड़ित तो विवेक अग्निहोत्री के पैरों पर गिरकर उन्हें धन्यवाद तक दे रहे हैं, लेकिन इसी बीच इस फिल्म से चर्चा में आए खूंखार आतंकी फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे का एक पुराना इंटरव्यू भी वायरल हो रहा है, जिसमें वह बता रहा है कि कैसे उसने हैवानियत की सारी हदें पार की। 

उसने बताया कि उस पर भारत से कश्मीर की आजादी का पागलपन कुछ इस तरह सवार हो गया था कि अगर उसे अपनी मां का कत्ल करने का आदेश भी आता तो वह मां की भी हत्या करने से बिल्कुल नहीं हिचकता। 

अपने दोस्त के मर्डर से शुरू किया हैवानियत का सिलसिला 

बिट्टा ने इस इंटरव्यू में बिना किसी हिचक के बताया कि कैसे उसने अपने दोस्त 22 वर्षीय कश्मीरी पंडित सतीश कुमार टिक्कू की हत्या कि और सरेआम मासूमों के कत्लेआम का सिलसिला शुरू किया। उसने कहा, " मुझे आदेश मिला था और मैंने सतीश को मार दिया।" 

एक कश्मीरी पत्रकार राहुल पंडित के मुताबिक, यह घटनाक्रम 8 फरवरी 1990 का है। उस दिन बिट्टा सुबह 8 बजे सतीश को मारने के इरादे से उसके घर पहुंचा। दरवाजा खटखटाने पर सतीश की बड़ी बहन ने दरवाजा खोला तो बिट्टा ने उससे पूछा कि सतीश कहां है? बहन को कुछ आशंका हुई तो उसने झूठ बोल दिया कि सतीश घर पर नहीं है। 

लेकिन जब सतीश अपने पिता की मेडिकल की दुकान जा रहा था, तभी इंतजार कर रहे बिट्टा ने उस पर गोली चला दी। वहां मौजूद लोगों ने सतीश के पिता को बताया था कि बिट्टा की पहली गोली सतीश के जबड़े को चीरते हुए निकल गई और जब सतीश जमीन पर गिर गया तो बिट्टा ने उस पर गोलियां बरसा दी। 

 बिट्टा सतीश का वही दोस्त था जो उसके साथ स्कूटर पर घूमा करता था।

POK जाकर ली थी ट्रेनिंग

आतंकवाद का रास्ता चुनने को लेकर पूछे गए सवाल पर बिट्टा ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने कश्मीरियों पर बहुत जुल्म किया जिससे गुस्सा होकर उसने यह  रास्ता चुना। 

उसने आगे बताया कि कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (KLF) का एरिया कमांडर इशफाक मजीद वानी उसे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) ले गया जहां उसकी 32 दिनों की ट्रेनिंग हुई। ट्रेनिंग से लौटने के बाद उसने वानी के कहने पर हैवानियत का नंगा नाच शुरू किया। उसने बताया कि आम लोगों को मारने के लिए वह हमेशा पिस्टल का इस्तेमाल करता था, जबकि एक-47 से सुरक्षा बलों पर हमले किया करता था।

इस बर्बरता के चलते कश्मीरी पंडितो को रातोंरात भागना पड़ा था। 

जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का सरगना है बिट्टा कराटे

इस इंटरव्यू के सामने आने के बाद से एक सवाल उठ रहा है कि इंटरव्यू के दौरान अपना जुल्म कबूल कर, फांसी या उम्रकैद की सजा की मांग करने वाला  बिट्टा कराटे अब कहां है? 

जानकारी के मुताबिक, 1990 में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के बाद बिट्टा राजनीति में उतर गया था। राजनीति में आने से पहले सारे आरोप कबूल करने वाला बिट्टा बाद में मुकर गया। बिट्टा अभी जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) का चेयरमैन है।

Created On :   14 March 2022 8:01 PM IST

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