पीएम मोदी ने लॉन्च की व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी, यहां देखें इसकी प्रमुख विशेषताएं
- नीति से अनफिट वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने में मदद मिलेगी
- पीएम मोदी ने गुजरात इन्वेस्टर समिट को वर्चुअली संबोधित किया
- समिट में पीएम मोदी ने व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी की शुरुआत की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुजरात इन्वेस्टर समिट को वर्चुअली संबोधित करते हुए व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि नई नीति से देश भर में अनफिट और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने और सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। युवाओं और स्टार्ट-अप्स से इस कार्यक्रम में शामिल होने का आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह नीति भारत में गतिशीलता और ऑटो क्षेत्र को एक नई पहचान प्रदान करेगी।
मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत को गति देने के लिए, भारत में इंडस्ट्री को सस्टेनेबल और प्रोडक्टिव बनाने के लिए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि ऑटो मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़ी वैल्यू चेन के लिए जितना संभव हो, उतना कम हमें इंपोर्ट पर निर्भर रहना पड़े। पीएम ने कहा कि पिछले साल, हमने 23,000 करोड़ रुपये के स्क्रैप स्टील का इंपोर्ट किया क्योंकि स्क्रैपिंग पूरी तरह से प्रोडक्टिव नहीं है। एनर्जी रिकवरी नगण्य है और हाई-स्ट्रेंथ स्टील एलॉय का पूरी तरह से उपयोग नहीं किया जा रहा है।
पीएम ने कहा, इस नई नीति के साथ, हम अब रेयर अर्थ मेटल्स को रिकवर करने में सक्षम होंगे। नई स्क्रैपिंग नीति सर्कुलर इकोनॉमी और "वेस्ट टू वेल्थ" अभियान की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। रीयूज, रिसाइकिल और रिकवरी से ऑटो और मेटल सेक्टर में देश की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। यह 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश लाएगा और रोजगार पैदा करेगा।
नई नीति की प्रमुख विशेषताओं पर एक नजर:
-जब किसी पुराने वाहन को स्क्रैप किया जाता है, तो ऐसे वाहन के मालिक को स्क्रैपिंग सेंटर से स्क्रैप वैल्यू दी जाएगी, जो उनके द्वारा खरीदे गए नए वाहन की एक्स-शोरूम कीमत का लगभग 4-6 प्रतिशत है।
-यह योजना पुराने वाहनों के मालिकों को अपने अनफिट वाहनों को रजिस्टर्ड स्क्रैपिंग सेंटरों के माध्यम से स्क्रैप करने के लिए इंसेंटिव देगी। वाहन मालिकों को एक स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा।
-स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट दिखाने पर ऑटोमोबाइल मैन्युफैकचरर्स को नाय वाहन खरीदने वाले को 5 प्रतिशत की छूट देनी पड़ेगी।
-नई नीति में निजी वाहनों के लिए 25 प्रतिशत तक और कमर्शियल वाहनों के लिए 15 प्रतिशत तक की रोड-टैक्स छूट की पेशकश करने की भी सलाह दी गई है।
-नई नीति में 20 साल से पुराने प्राइवेट वाहनों के अनफिट पाए जाने या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के रिन्यू नहीं होने की स्थिति में रजिस्ट्रेशन रद्द करने का प्रस्ताव है। प्राइवेट वाहनों के लिए 15 साल के बाद रजिस्ट्रेशन फीस भी ज्यादा लगेगी। कमर्शियल वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं मिलने की स्थिति में 15 साल बाद डी-रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होगी।
- स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट के बदले नया वाहन खरीदने पर रजिस्ट्रेशन शुल्क भी माफ किया जा सकता है।
- कमर्शियल वाहनों की मैंडेटरी फिटनेस टेस्टिंग 1 अप्रैल, 2023 से शुरू होने की संभावना है, जबकि प्राइवेट वाहनों के लिए 1 जून, 2024 से चरणबद्ध तरीके से शुरू होने की उम्मीद है।
-सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने इस साल की शुरुआत में एक ड्राफ्ट नेटिफिकेशन भी पेश किया था जिसमें 15 साल पुराने वाहनों के आरसी के रिनिवल फीस में बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया गया था।
Created On :   13 Aug 2021 8:03 PM IST