UP : गोरखपुर-फूलपुर सीट पर कौन हैं कांग्रेस के उम्मीदवार?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के लिए बायपोल 11 मार्च को होनी है। इसके लिए कांग्रेस ने अपने कैंडिडेट की घोषणा कर दी है। गोरखपुर सीट से कांग्रेस ने जहां डॉ. सुरहिता चटर्जी करीम को उतारा है, तो वहीं फूलपुर सीट से मनीष मिश्रा पर दांव लगाया है। इन दोनों ही सीट पर होने वाले बायपोल के रिजल्ट 14 मार्च को डिक्लेयर किए जाएंगे। बता दें कि गोरखपुर से सीएम योगी आदित्यनाथ और फूलपुर से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या सांसद थे।
कौन हैं मनीष मिश्रा?
लोकसभा बायपोल में फूलपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी मनीष मिश्रा कांग्रेस प्रदेश महासचिव है, इसके पहले वह यूथ कांग्रेस में एक्टिव थे। मनीष मिश्रा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सचिव रहे जीएन मिश्रा के बेटे हैं। फूलपुर तहसील के जमनीपुर कोटवा निवासी आईएएस जेएन मिश्रा भी 2 बार फूलपुर लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। आईएएस जेएन मिश्रा ने वीआरएस लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निजी सचिव की जिम्मेदारी संभाली थी। मनीष मिश्रा ने इसके पहले 2007 में झूंसी विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था।
डॉ. सुरहिता करीम कौन हैं?
वहीं गोरखपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस कैंडिडेट डॉ. सुरहिता करीम शहर की जानी मानी डॉक्टर हैं और सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं। कांग्रेस पार्टी ने डॉ. सुरहिता पर बड़ा दांव खेला है क्योंकि इस सीट पर चुनाव जीतना तो दूर कांग्रेस पिछले 6 चुनाव से जमानत भी जब्त होने से नहीं बचा पा रही है।
गोरखपुर में बायपोल क्यों?
गोरखपुर लोकसभा सीट उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की सीट है। 2014 के लोकसभा चुनावों में इस सीट से योगी आदित्यनाथ सांसद बने थे। इसके बाद मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम बन गए और उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया। योगी आदित्यनाथ ने 2014 में समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट राजमति निषाद को 3 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। बता दें कि 1991 से ही गोरखपुर सीट बीजेपी के पास है और इसे यूपी की VVIP सीटों में गिना जाता है।
फूलपुर में बायपोल क्यों?
2014 के लोकसभा चुनावों में फूलपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के केशव प्रसाद मौर्या ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट धरम राज सिंह पटेल को 3 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। मार्च 2017 में केशव प्रसाद मौर्या को योगी सरकार में डिप्टी सीएम बनाया गया, जिसके बाद उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि फूलपुर सीट से ही भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू सांसद थे।
बिहार की 1 लोकसभा और 2 विधानसभा में भी बायपोल
इसके साथ ही बिहार की भी 1 लोकसभा सीट और 2 विधानसभा सीट पर 11 मार्च को बायपोल होने हैं। बिहार की अररिया लोकसभा सीट, भभुआ और जहानाबाद विधानसभा सीट पर भी 11 मार्च को ही बायपोल के लिए वोटिंग होगी और नतीजे 14 मार्च को घोषित किए जाएंगे।
अररिया में बायपोल क्यों?
2014 में हुए लोकसभा चुनावों में बिहार की अररिया सीट से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के मोहम्मद तस्लीमुद्दीन सांसद चुने गए थे। उन्होंने 2014 में बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह को करीब 1.5 लाख वोटों से हराया था। सितंबर 2017 में तस्लीमुद्दीन का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था।
भभुआ में बायपोल क्यों?
2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनावों में भभुआ सीट से बीजेपी के आनंद भूषण पांडेय उर्फ मंटू तिवारी चुने गए थे। आनंद भूषण का निधन भी लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में हो गया था।
जहानाबाद में बायपोल क्यों?
वहीं जहानाबाद विधानसभा सीट से आरजेडी के मुंद्रिका यादव 2015 के विधानसभा चुनावों में विधायक बने थे। मुंद्रिका यादव को डेंगू की बीमारी हो गई थी और इसी वजह से अक्टूबर 2017 में उनका निधन हो गया। यादव के निधन के बाद खाली पड़ी इस सीट पर अब बायपोल होगा।
Created On :   17 Feb 2018 3:12 PM IST