उपहार अग्निकांड : सुप्रीम कोर्ट ने अंसल को सिनेमा हॉल की सील हटाने को ट्रायल कोर्ट जाने की अनुमति दी

Uphaar fire: SC allows Ansal to approach trial court to remove seal of cinema hall
उपहार अग्निकांड : सुप्रीम कोर्ट ने अंसल को सिनेमा हॉल की सील हटाने को ट्रायल कोर्ट जाने की अनुमति दी
दिल्ली उपहार अग्निकांड : सुप्रीम कोर्ट ने अंसल को सिनेमा हॉल की सील हटाने को ट्रायल कोर्ट जाने की अनुमति दी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को उपहार सिनेमा हॉल की सील हटाने के लिए अंसल थिएटर्स एंड क्लबोटेल्स प्राइवेट लिमिटेड को निचली अदालत का दरवाजा खटखटाने की अनुमति दे दी।

फर्म के पूर्व निदेशक रियल एस्टेट बैरन सुशील अंसल और गोपाल अंसल थे। न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीबीआई और दिल्ली पुलिस की दलीलें दर्ज कीं कि उनका संपत्ति पर कोई दावा नहीं है।

पीठ में शामिल जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने कहा कि अगर फर्म 10 सप्ताह के भीतर ट्रायल कोर्ट का रुख करती है, तो अदालत कानून के अनुसार उसकी याचिका पर फैसला कर सकती है। जांच एजेंसी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने कहा कि ट्रायल कोर्ट उपयुक्त मंच है, जिससे संपत्ति को डी-सील करने के लिए संपर्क किया जा सकता है।

उपहार त्रासदी पीड़ितों के संघ (एवीयूटी) की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति ने व्यक्तिगत रूप से पेश होकर तर्क दिया कि शीर्ष अदालत ने अंसल बंधुओं को दिल्ली में ट्रॉमा सेंटर के निर्माण के लिए 60 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था। एवीयूटी ने तर्क दिया था कि सिनेमा हॉल की डी-सीलिंग इस सबूत को प्रभावित कर सकती है कि अतिरिक्त सीटों के कारण गैंगवे बंद हो गया, जिससे सिनेमा देखने वालों की मौत हो गई।

अंसल बंधुओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि उन्होंने ट्रॉमा सेंटर के निर्माण के लिए पहले ही 60 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं। वकील ने कहा कि सिनेमा हॉल को डी-सील किया जाना चाहिए, क्योंकि मुख्य मामले में सुनवाई खत्म हो चुकी है। इससे पहले सीबीआई ने सुनवाई पूरी होने तक सिनेमा हॉल को डी-सील करने और रिलीज करने का विरोध किया था।

20 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने 1997 के उपहार अग्निकांड मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी अमोद कंठ के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी की कमी के कारण ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही को रद्द कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने सीआरपीसी की धारा 197 की मांगों के विपरीत कंठ के खिलाफ संज्ञान लेकर गलती की।

आईएएनएस

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Created On :   28 April 2023 12:30 AM IST

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