अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियो बोले, जोखिम लेने से नहीं डरते ट्रंप और मोदी

अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियो बोले, जोखिम लेने से नहीं डरते ट्रंप और मोदी
हाईलाइट
  • आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का आह्वान
  • पीएम मोदी और एस जयशंकर से मिले पोम्पियो
  • भारत को बताया अच्छा दोस्त और महान लोकतंत्र

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अपनी भारत यात्रा में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे नेता हैं, जो जरूरत पड़ने पर जोखिम लेने से नहीं डरते। दो दिवसीय दौरे पर भारत आए माइक पोम्पियो ने बुधवार को पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकत की।

मुलाकात के बाद पोम्पियो ने कहा कि भारत और अमेरिका को दुनिया में उसी तरह देखा जाना चाहिए, जैसा दोनों देश एक दूसरे को देखते हैं। दोनों देश अच्छे दोस्त, महान लोकतंत्र और वैश्विक शक्ति हैं। पोम्पियो ने कहा कि पीएम मोदी ने कुछ सप्ताह पहले सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया था। पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति में मसूद अजहर को नॉमिनेट करके हमें बहुत खुशी महसूस हुई।

पॉम्पियो ने कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले फलस्तीनी एनजीओ (गैर सरकारी संगठन) के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में वोट कर भारत ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद को पुरस्कार देना गलत है। इससे पहले संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में भारत ने कहा था कि हम वही करेंगे जो हमारे देश के हित में होगा। चाहे वह रूस से S 400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम का सौदा ही क्यों न हो?

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर से पूछा गया कि क्या अमेरिका के काट्सा कानून का असर भारत के रूस के साथ एस-400 सौदे पर भी पड़ेगा? जयशंकर ने कहा कि 'भारत के कई देशों के साथ संबंध हैं... उनका एक इतिहास है। हम वही करेंगे, जो हमारे राष्ट्रीय हित में है और उस रणनीतिक साझेदारी का एक हिस्सा दूसरे देश के राष्ट्रीय हित को समझने और उसकी सराहना करना भी है।'

जयशंकर ने कहा कि  पोम्पियो के साथ ऊर्जा और व्यापार के साथ-साथ अफगानिस्तान और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। आतंकवाद के बारे में, जयशंकर ने कहा कि उन्होंने ट्रम्प प्रशासन के मजबूत समर्थन के लिए सराहना की।

CAATSA और ईरान के मुद्दों पर पोम्पियो ने कहा, 'हम यह प्रयास करेंगे कि अपने देश के लिए सुरक्षा मुहैया करा पाएं और यह भी चाहेंगे कि भारत भी ऐसा ही करने में सक्षम हो। हम दोनों मुद्दों को वास्तविक मौके के तौर पर देख रहे हैं और मैं जानता हूं कि हम साथ काम कर सकते हैं। साथ ही रिश्तों की आधारशिला रख सकते हैं।

पोम्पियो ने ईरान को 'आतंक का सबसे बड़ा राज्य प्रायोजक' कहा। उन्होंने कहा भारत और अमेरिका दोनों में 'खतरे' की साझा समझ है। 'हम सभी जानते हैं कि ईरान दुनिया का सबसे बड़ा आतंक का प्रायोजक है और भारतीय लोग दुनिया भर में आतंक से पीड़ित हैं। पोम्पियो ने कहा कि हम खतरे की साझा समझ रखते हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए एक साझा उद्देश्य है कि हम ऊर्जा को सही कीमतों पर रख सकें और इस खतरे को कम कर सकें।

 

 

 

 

 

Created On :   27 Jun 2019 12:29 AM IST

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