दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद और खालिद खैफी को कोर्ट से मिली राहत, जमानत को लेकर दिल्ली पुलिस ने पहले किया था विरोध

Umar Khalid and Khalid Khaifi, accused of Delhi riots, got relief from the court, Delhi Police had earlier opposed the bail
दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद और खालिद खैफी को कोर्ट से मिली राहत, जमानत को लेकर दिल्ली पुलिस ने पहले किया था विरोध
उमर खालिद और खालिद खैफी बरी दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद और खालिद खैफी को कोर्ट से मिली राहत, जमानत को लेकर दिल्ली पुलिस ने पहले किया था विरोध
हाईलाइट
  • दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ भी उसकी अपील को ठुकरा चुकी थी।

डिजिटल डेस्क,दिल्ली।  2020 में हुए दिल्ली दंगों के मामले में जेएनयू के पू्र्व छात्र नेता उमर खालिद और खालिद सैफी को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने आरोप मुक्त कर दिया है। इन दोनों पर दिल्ली दंगों के दौरान एक पार्किंग एरिया में आग लगाने का आरोप था। बता दें कि, फरवरी 2020 में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रर्दशन चल रहे थे। इसी बीच आंदोलन के दौरान दंगे भड़क गए थे। इन दंगों में कई लोगों की मौत हुई थीं और बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए थे। दिल्ली में दंगों को लेकर उमर खालिद और खालिद सैफी के खिलाफ एफआईआर 101/2020 में धारा 109, 114, 147, 148, 149, 153-ए, 186, 212, 353, 395, 427, 435, 436, 452, 454, 505, 34 और 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया था।  

जमानत को लेकर दिल्ली पुलिस ने जताई चिंता 

कड़कड़डूमा कोर्ट का फैसला ऐसे वक्त में आया है जब पहले से ही दिल्ली पुलिस ने पिछली सुनवाई के दौरान अदालत में उमर खालिद की जमानत का विरोध किया था। यही नहीं दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद की अंतरिम जमानत याचिका का भी पुरजोर विरोध किया है। दिल्ली पुलिस ने जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि यदि खालिद की रिहाई होती है, तो समाज में अशांति पैदा होने की आशंका है। जिसके बाद कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की इस याचिका पर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे। 


दिल्ली पुलिस ने आगे कहा था कि वह गैर-कानूनी गतिविधि निरोधक कानून के तहत बहुत गंभीर आरोपों का सामना कर रहा है। बता दें कि खालिद की नियमित अर्जी पहले भी खारिज की जा चुकी है। यही नहीं दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ भी उसकी अपील को ठुकरा चुकी थी।

गवाहों को प्रभावित कर सकता है खालिद

दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल जवाब में पुलिस ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि खालिद की मां की बुटीक पार्लर चलाने का काम करती है और उसके पिता "वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया" नाम के एक राजनीतिक दल का नेतृत्व करते हैं। ऐसे में  उमर खालिद की जमानत जरूरी नहीं है। पुलिस उमर खालिद की रिहाई पर इसलिए भी रोक लगना चाहती थी इसके पीछे की मुख्य वजह यह है कि पुलिस को यह अनुमान था कि खालिद अतंरिम जमानत के दौरान सोशल मीडिया के जरिए गलत सूचना फैला सकता है। इसके अलावा उमर खालिद अपने गवाहों को भी प्रभावित करने का कोशिश कर सकता है।  


 

Created On :   3 Dec 2022 9:25 PM IST

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