उपचुनाव में जीत के बाद BJP दफ्तरों पर TMC कार्यकर्ताओं ने लहराया अपना झंडा

उपचुनाव में जीत के बाद BJP दफ्तरों पर TMC कार्यकर्ताओं ने लहराया अपना झंडा

डिजिटल डेस्क, उत्तर 24 परगना। विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करने के बाद सत्तारुढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में जमकर जश्न मनाया। इस दौरान एक बार फिर TMC और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। भाजपा ने TMC कार्यकर्ताओं पर अपने मद्राल, नैहाटी, बैरकपुर और पानपुर के पार्टी कार्यालयों पर कब्जा करने का आरोप लगाया है। इसके अलावा उन्होंने भाजपा कार्यालयों में पेंट भी पोता और भाजपा का झंडा उतारकर अपना झंडा लगा दिया है।

 

 

बता दें कि TMC कार्यकर्ताओं की ऐसी घटनाएं अक्सर खबरों में बनी रहती हैं। इससे पहले 26 नवंबर को उपचुनाव की वोटिंग के दौरान भी TMC कार्यकर्ताओं ने करीमपुर विधानसभा सीट के भाजपा उम्मीदवार जयप्रकाश मजूमदार की लात-घूसों से पिटाई की थी। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ था, जिसमें TMC के कार्यकर्ता जयप्रकाश के साथ धक्का-मुक्की और उन्हें लात मारते साफ दिख रहे थे।

उपचुनाव में TMC की जीत

बंगाल की तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की गुरुवार को मतगणना के बाद चुनाव आयोग ने परिणाम घोषित किए। TMC ने खड़गपुर सदर, कालियागंज और करीमपुर में जीत हासिल की। पार्टी उम्मीदवार प्रदीप सरकार, खड़गपुर सदर से 20 हजार 853 मतों और तपन देब सिंह ने कालियागंज से 2,414 मतों के साथ विजय हुए हैं। वहीं करीमपुर से बिमलेन्दु सिन्हा राय ने 23 हजार 910 मतों के साथ जीत दर्ज की है। उपचुनाव के परिणाम घोषित होने पर प्रदेश मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने बताया कि "यह जनता और विकास की जीत है।" उन्होंने कहा कि "यहां (पश्चिम बंगाल) अहंकार की राजनीति नहीं चलेगी, जनता भाजपा को नकार चुकी है।"

NRC की वजह से हारी भाजपा

कालियागंज से भाजपा उम्मीदवार कमल चंद्र सरकार ने उपचुनाव में अपनी पार्टी के हारने की वजह "राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC)" को बताया है। उन्होंने कहा कि "NRC के क्रियान्वयन को लेकर गंभीर भ्रम पैदा हुआ है, जिस धारणा को लोगों ने नकार दिया और हम जनता तक पहुंचने में कामयाब भी नहीं रहे। इसलिए हमें बंगाल में हार का सामना करना पड़ा।"

वहीं भाजपा के उपचुनाव में खराब प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख दिलीप घोष ने बताया कि "इस हार पर पार्टी आत्ममंथन करेगी।" उन्होंने कहा कि "पार्टी को नतीजों पर गौर करने की जरूरत है, लेकिन हमें नहीं लगता कि इससे बंगाल में भाजपा की बढ़त में कोई असर पड़ेगा।"

बंगाल में क्यों हुए उपचुनाव ?

दरअसल कालीगंज विधानसभा सीट के कांग्रेस विधायक प्रमथ नाथ रे का 31 मई को निधन हो गया था, तब से यह सीट रिक्त थी। वहीं खड़गपुर सदर के भाजपा विधायक दिलीप घोष और करीमपुर की TMC विधायक महुआ मोइत्रा के लोकसभा में निर्वाचित होने के कारण ये दो सीटें भी खाली हो गई। इसी कारण पश्चिम बंगाल की इन तीनों विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराना पड़ा।

Created On :   29 Nov 2019 10:13 AM IST

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