LAC: भारतीय सेना ने सीमा पर तैनात किए T-90 और T-72 टैंक, -40 डिग्री में करेंगे देश की रक्षा
- T-90 और T-72 टैंकों को तैनात किया
- T-90 दुनिया के सबसे अचूक टैंक में से एक
- इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स को भी तैनात किया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन के साथ जारी विवाद के बीच सीमा पर दी जा रही चुनौती के लिए भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है। भारतीय सेना ने एलएसी पर लद्दाख के चुमार-डेमचोक क्षेत्र में T-90 और T-72 टैंकों समेत इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स को तैनात किया गया है। इन टैंकों की खासियत है कि इन्हें माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में संचालित किया जा सकता है।
यहां बता दें कि दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लगभग चार महीने से गतिरोध बना हुआ है। ऐसे में भारत ने एलएसी के पास इन टैंकों को तैनात किया है। इनमें से T-90 को दुनिया के सबसे अचूक टैंक में एक माना जाता है।
3 अक्टूबर तक NCB की कस्टडी में रहेगा धर्मा प्रोडक्शन का पूर्व अधिकारी क्षितिज प्रसाद
कठोर इलाकों में यंत्रीकृत बल
14 कॉर्प्स के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल अरविंद कपूर ने ANI को बताया कि "फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स" भारतीय सेना का एकमात्र गठन है जिसने ऐसे कठोर इलाकों में यंत्रीकृत बलों को तैनात किया गया है। टैंक, पैदल सेना से लड़ने वाले वाहनों और भारी बंदूकों को बनाए रखना इस इलाके में एक चुनौती है। क्रू और इक्विपमेंट की तैयारी को सुनिश्चित करने के लिए आज हमारी सभी लॉजिस्टिक तैयारियां पर्याप्त हैं।
#WATCH Indian Army deploys T-90 T-72 tanks along with BMP-2 Infantry Combat Vehicles that can operate at temperatures up to minus 40 degree Celsius, near Line of Actual Control in Chumar-Demchok area in Eastern Ladakh.
— ANI (@ANI) September 27, 2020
Note: All visuals cleared by competent authority on ground pic.twitter.com/RiRBv4sMud
उन्होंने कहा कि लद्दाख में ठंड काफी कड़ाके की होने वाली है। ठंड के दौरान हमारी तैयारियां पूरी तरहे से नियंत्रण में हैं। हमारे पास ज्याद कैलरी और न्यूट्रिशन वाला राशन, ईंधन, तेल, कपड़े, हीटिंग अप्लायंस पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं। फिलहाल सेना इन वाहनों के लिए इनके लिए 3 प्रकार के ईंधनों का उपयोग कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके की कठोर सर्दियों के दौरान ईंधन जम न जाए।
भीष्म और अजेय
मालूम हो कि T-90 टैंकों को भारत में "भीष्म" नाम ये जाना जाता है। ये
टैंक मूल रूप से रूस में बने हैं। भारत के पास करीब साढ़े 4 हजार टैंक (T-90 और उसके वैरियंट्स, T-72 और अर्जुन) हैं। वहीं बात करें T-72 की तो इसे भारत में "अजेय" कहा जाता है। भारत में ऐसे करीब 1700 टैंक हैं।
Created On :   27 Sept 2020 3:50 PM IST