योगी के मंत्री ने जिन्ना को बताया महापुरुष, AMU में जिन्ना की तस्वीर पर दो खेमों में बंटी BJP

Swami prasad maurya said jinnah contributed for nation before partition
योगी के मंत्री ने जिन्ना को बताया महापुरुष, AMU में जिन्ना की तस्वीर पर दो खेमों में बंटी BJP
योगी के मंत्री ने जिन्ना को बताया महापुरुष, AMU में जिन्ना की तस्वीर पर दो खेमों में बंटी BJP

डिजिटल डेस्क, अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्रसंघ भवन में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर सियासी घमासान गहराता जा रहा है। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी दो खेमों में बंटी हुई नजर आ रही है। जिन्ना की तस्वीर को लेकर पार्टी के अन्दर ही मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो गई है। एक तरफ जहां BJP सांसद सतीश गौतम ने विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर छात्रसंघ भवन में जिन्ना की तस्वीर लगाने का कारण पूछा है। तो वहीं दूसरी तरफ योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने जिन्ना को महापुरुष करार दिया है साथ ही उनकी तस्वीर पर सवाल उठाने वालों को भी अपने निशाने पर लिया है। 

सतीश गौतम को नहीं पता की कहां पर लगी है तस्वीर
स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि, "देश के बंटवारे से पहले जिन्ना का देश में योगदान था। जिन महापुरुषों ने इस राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दिया है, यदि कोई उन पर उंगली उठता है तो यह घटिया बात है।" मौर्या ने कहा कि इस प्रकार का बकवास बयान चाहे उनके पार्टी के सदस्य सांसद-विधायक दें या दूसरे पार्टी के, उनकी राष्ट्र के लोकतंत्र में तनिक भी मान्यता नहीं है। मौर्या ने ऐसा बयान देकर अपनी ही पार्टी को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इसके पहले BJP सांसद सतीश ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि विश्विद्यालय में यह तस्वीर कहां लगी है, लेकिन सवाल यह उठता है कि वह लगी क्यों है। उन्होंने कहा था कि देश के बंटवारे के बाद विश्वविद्यालय में जिन्ना की तस्वीर लगाने का कोई औचित्य नहीं है। 

जिन्ना को दी गई थी छात्रसंघ की आजीवन 
गौरतलब है कि सतीश गौतम के आलावा भी BJP के अन्य नेताओं ने भी जिन्ना की तस्वीर हटवाने का समर्थन किया था। जिसके बाद विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शाफे किदवई ने दशकों से लटकी जिन्ना की तस्वीर का बचाव किया था। किदवई ने तस्वीर लगाने का कारण बताते हुए कहा था कि जिन्ना विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे और उन्हें छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता दी गई थी। सतीश गौतम ने कुलपति को लिखे गए पत्र में लिखा था कि अगर विश्विद्यालय में किसी की तस्वीर लगानी ही है तो उन्हें महेंद्र प्रताप जैसे महान व्यक्तियों की तस्वीर लगानी चाहिए, जिन्होंने विश्विद्यालय बनाने के लिए अपनी जमीन दान में दी थी।

Created On :   1 May 2018 9:51 PM IST

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