देश में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या ज्यादा, फिर भी लड़कों की चाहत में नहीं है कमी 

Survey of National Family Health Survey, the number of women in the country is more than that of men
देश में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या ज्यादा, फिर भी लड़कों की चाहत में नहीं है कमी 
ये रिकॉर्ड पहली बार  देश में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या ज्यादा, फिर भी लड़कों की चाहत में नहीं है कमी 
हाईलाइट
  • गांव का सेक्स अनुपात शहरों की तुलना में ज्यादा अच्छा है

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। देशभर में पहली बार ऐसा रिकॉर्ड सामने आया है, जिसमें पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या ज्यादा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण( NFHS-5) के सर्वे मं ये बात सामने आई कि, देश में अब 1 हजार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या 1 हजार 20 हो गई है। साथ ही गांव की स्थिति शहरों से ज्यादा बेहतर है। क्योंकि सर्वे की मानें तो, गांव का सेक्स अनुपात शहरों की तुलना में ज्यादा अच्छा पाया गया। लेकिन, लड़कें पैदा करने की चाहत में अब भी कमी नहीं आई है। 

लड़कों से प्यार अब भी ज्यादा
सर्वे में महिला और पुरुष आंकड़ो की तुलना के साथ-साथ बच्चों के जन्म का लिंग अनुपात भी निकाला गया, जिसमें ये आकंड़ा 929 है। जिसका मतलब साफ है कि, आज भी लोगों को लड़कों के पैदा होने की चाहत ज्यादा होती है। 1000 नवजात लड़कों की तुलना में नवजात लड़कियों की संख्या 929 है। लेकिन, लिंग परीक्षण में सख्ती की वजह से भ्रूण हत्या में कमी जरुरी आई है। साथ ही महिलाओं की जिंदगी पुरुषों की तुलना में ज्यादा है। 

गांव और शहर की तुलना
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़े बताते है कि, वर्तमान समय में गांव की स्थिति शहरों से ज्यादा बेहतर है। इसे आप ग्राफिकल पिक्चर से समझ सकते है।

प्रजनन दर में हुई कमी
इन सब के बीच बढ़ती जनसंख्या की चिंता भी बढ़ी। लेकिन, इसे लेकर भी एक अच्छी खबर आई है। दरअसल, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के दूसरे चरण के अनुसार, कुल प्रजनन दर (TFR) में कमी आई है। यानि कि 1 महिला द्वारा बच्चों को जन्म देने की औसत संख्या 2.2 से घटकर 2 हो गई है। वहीं कन्ट्रासेप्टिव प्रिवलेंस रेट में बढ़ोत्तरी हुई है, जो कि 54 फीसदी से बढ़कर 67 फीसदी हो चुका है।  

1990 से लेकर अब तक का आकंड़ा

 

Created On :   25 Nov 2021 11:33 AM IST

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