CAA पर कल SC में होगी सुनवाई, CJI बोले- कानून को हाथ में नहीं ले सकते छात्र
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, जिसकी सुनवाई मंगलवार को होनी है। CAA के खिलाफ जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के हिंसा मामले पर सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने जामिया और AMU छात्रों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज को मानव अधिकारों का उल्लंघन बताया। इसके अलावा उन्होंने चीफ जस्टिस (CJI) एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने इस मुद्दे को संज्ञान में लेने की मांग उठाई है।
CJI SA Bobde says "Just because they happen to be students, it doesn"t mean they can take law and order in their hands, this has to be decided when things cool down. This is not the frame of mind when we can decide anything. Let the rioting stop."
— ANI (@ANI) December 16, 2019
इस दौरान CJI बोबडे ने जामिया और AMU के छात्रों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि "वे छात्र हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि वे कानून व्यवस्था को अपने हाथों में ले सकते हैं।" उन्होंने कहा कि "जब चीजें शांत होगी, तब कुछ तय करना होगी। पहले दंगे थमने दिए जाए, ऐसी स्थिति में हम कुछ भी तय नहीं कर सकते हैं।"
Chief Justice of India SA Bobde, "We will determine the rights but not in the atmosphere of riots, let all of this stop and then we will take suo motu cognizance. We are not against rights and peaceful demonstrations" https://t.co/gAF5Va7HKo
— ANI (@ANI) December 16, 2019
सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह की मांग पर CJI बोबडे ने कहा कि "हम अधिकारों का निर्धारण करेंगे, लेकिन दंगों के माहौल में नहीं।" उनका कहना है कि "जब तक दंगों की स्थिति बनी रहेगी, तब तक हम मामले को संज्ञान में नहीं लेंगे।" उन्होंने बताया कि "हम अधिकारों और शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यदि सार्वजनिक संपत्ति की हिंसा और विनाश जारी रहता है, तो हम इसे नहीं सुनेंगे।" सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को मामले की सुनवाई करेगा, लेकिन इसके लिए CJI ने पहले देश की मौजूदा स्थिति को सामान्य करने की शर्त रखी हैं।
Created On :   16 Dec 2019 7:27 AM GMT