विवाद के बाद SC का रोस्टर सिस्टम जारी, चीफ जस्टिस की बेंच सुनेगी सभी PIL
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में उठे जज विवाद के बाद जजों के लिए नया "रोस्टर सिस्टम" जारी कर दिया है। इसके तहत चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) दीपक मिश्रा की बेंच अगले हफ्ते से सभी पब्लिक इंटरेस्ट लिटीगेशन (PIL) की सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट में जजों के पास केस भेजने का रोस्टर सिस्टम 5 फरवरी से लागू होगा। ये रोस्टर सिस्टम सिर्फ नए मामलों पर ही लागू होगा। यानी कि पुराने केस की सुनवाई जो जज कर रहे थे, वही करेंगे। बता दें कि 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के 4 सीनियर जजों ने केस आवंटन पर सवाल खड़े किए थे।
CJI की बेंच सुनेगी सभी PIL
पिछले महीने की 12 तारीख को सुप्रीम कोर्ट जस्टिस जे चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर CJI दीपक मिश्रा पर केसों के आवंटन में अनियमितताएं करने का आरोप लगाया था। इसके बाद नए केसों के लिए रोस्टर सिस्टम को जारी कर दिया है, जो 5 फरवरी से लागू होगा। इस सिस्टम के तहत सभी नई PIL पर सुनवाई खुद चीफ जस्टिस करेंगे। इसका मतलब अब अगर कोई नई PIL फाइल होती है, तो वो किसी दूसरे जज के सामने सुनवाई के लिए नहीं जाएगी।
कौन हैं वो 4 जज, जिन्होंने उठाए चीफ जस्टिस पर सवाल ?
इन मामलों को देखेंगे चीफ जस्टिस
सुप्रीम कोर्ट नें रोस्टर सिस्टम चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के आदेश पर लागू किया जा रहा है। इसके तहत चीफ जस्टिस की बेंच सभी PIL और लेटर से दाखिल की जाने वाली पिटीशंस की सुनवाई करेगी। इसके साथ ही सर्विस मैटर, सोशल जस्टिस से संबंधित मामले, इलेक्शन से संबंधित मामले, ऑर्बिट्रेशन मामले, बंदी प्रत्यक्षीकरण से संबंधित मामले, क्रिमिनल केस, कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट से संबंधित मामले, सिविल मामले, लेजिस्लेसटिव अपॉइंटमेंट्स से संबंधित केस और जांच आयोग से संबंधित मामले की सुनवाई भी चीफ जस्टिस की बेंच में होगी।
नए रोस्टर सिस्टम के तहत केसों का बंटवारा
- जस्टिस जे. चेलामेश्वर की बेंच : लेब केस, भूमि अधिग्रहण केस, क्रिमिनल केस, कंज्यूमर प्रोटेक्शन केस और समुद्री कानून से जुड़ी पिटीशंस पर सुनवाई होगी।
- जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच : लेबर केस, इनडायरेक्ट टैक्स, कंपनी लॉ, कंटेंप्ट, पर्सनल लॉ, धार्मिक मामले, बैंकिंग, सरकारी कॉन्ट्रेक्ट जैसे मामले आएंगे।
- जस्टिस मदन बी. लोकुर की बेंच : सर्विस मैटर, वन संरक्षण केस, सोशल जस्टिस से संबंधित केस, पर्सनल लॉ, सिविल केस, पर्यावरण से संबंधित मामले, माइंस, मिनरल्स, कंज्यूमर प्रोटेक्शन जैसे केस की सुनवाई करेगी।
पहली बार SC के जजों की PC, "हम नहीं बोले तो लोकतंत्र हो जाएगा खत्म"
- जस्टिस कुरियन जोसेफ की बेंच : लेबर मैटर्स, सर्विस मैटर्स, क्रिमिनल मैटर्स, फैमिली लॉ मैटर्स, कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट मैटर्स, पर्सनल लॉ मैटर्स और लैंड लॉज़ एंड एग्रीकल्चरल मैटर्स जैसे केस की सुनवाई होगी।
- जस्टिस एके सीकरी की बेंच : डायरेक्ट टैक्स मैटर्स, क्रिमिनल मैटर्स, कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट, ऑर्डिनरी सिविल मैटर्स, पर्सनल लॉ मैटर्स, मनी एंड मॉर्टेज मैटर्स, आर्म्ड फोर्सेस और पैरामिलिट्री फोर्स से संबंधित केस की सुनवाई करेगी।
- जस्टिस एसए बोडबे की बेंच : एकेडमिक मैटर्स, कंपेंसेशन मैटर्स, क्रिमिनल मैटर्स, फैमिली लॉ मैटर्स, ऑर्डिनरी सिविल मैटर्स, मेडिकल एंड एजुकेशनल संस्थान में एडमिशन से संबंधित केस, मेडिकल और इंजीनियरिंग केस की सुनवाई होगी।
- जस्टिस आरके अग्रवाल की बेंच : लेबर मैटर्स, रेंट एक्ट मैटर्स, डायरेक्ट टैक्स मैटर्स, क्रिमिनल मैटर्स, सर्विस मैटर्स, फैमिली लॉ मैटर्स, ऑर्डिनरी सिविल मैटर्स, पब्लिक प्रीमिसेस एक्ट से संबंधित केस जैसे मामलों की सुनवाई करेंगे।
- जस्टिस एनवी रमन की बेंच : कंपेंसेशन मैटर्स, क्रिमिनल मैटर्स, फैमिली लॉ मैटर्स, ऑर्डिनरी सिविल मैटर्स, पर्सनल लॉ मैटर्स, धार्मिक केस, लैंड लॉज़ एंड एग्रीकल्चरल मैटर्स और कंज्यूमर प्रोटेक्शन केस की सुनवाई करेंगे।
- जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच : लेबर मैटर्स, भूमि अधिग्रहण, सर्विस मैटर्स, क्रिमिनल मैटर्स, फैमिली लॉ मैटर्स, ऑर्डिनरी सिविल मैटर्स, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज एडमिशन जैसे केस की सुनवाई करेंगे।
- जस्टिस एके गोयल की बेंच : भूमि अधिग्रहण, सर्विस मैटर्स, कंपेसेशन केस, क्रिमिनल मैटर्स, फैमिली लॉ मैटर्स, सिविल मैटर्स और कंज्यूमर प्रोटेक्शन जैसे केस की सुनवाई करेंगे।
- जस्टिस आरएफ नरीमन की बेंच : डायरेक्ट टैक्स मैटर्स, कंपनी लॉ और बैंक संबंधित केस, ऑर्बिट्रेशन मैटर्स, कंपेंसेशन केस, ऑर्डिनरी सिविल मैटर्स, कमर्शियल ट्रांजेक्शन से संबंधित केस, आर्म्ड फोर्सेस और पैरामिलिट्री फोर्स से संबंधित केस की सुनवाई करेंगे।
पहली बार कोई महिला एडवोकेट सीधे बनेंगी सुप्रीम कोर्ट में जज
12 जनवरी को 4 जजों ने की थी प्रेस कॉन्फ्रेंस
12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने प्रेस कॉनफ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस जे चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने मीडिया से बात की। इस दौरान जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि "सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।" उन्होंने बताया कि इस बात की शिकायत उन्होंने चीफ जस्टिस के सामने भी की, लेकिन उन्होंने बात को नहीं माना। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि "किसी भी देश के लोकतंत्र के लिए जजों की स्वतंत्रता भी जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होता है तो लोकतंत्र नहीं बच पाएगा। हमने चीफ जस्टिस को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो नहीं समझ पाए।" उन्होंने आगे कहा कि "हमारे पास इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं था, इसी कारण मजबूरी में हमें मीडिया के सामने आना पड़ा।" इसके अलावा इन चारों जजों ने चीफ जस्टिस पर ये भी आरोप लगाए कि "चीफ जस्टिस सीनियर जजों की बात नहीं सुनते हैं।" इसके साथ ही इन चारों जजों ने केस के आवंटन पर भी सवाल खड़े किए थे।
Created On :   2 Feb 2018 8:38 AM IST