अब काफी खतरनाक होगा सुखोई30 एमकेआई, स्पाइस 2000 बमों से होगा लैस
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने हाल ही में पीओके में घुसकर मिराज-2000 विमान से काफी तबाही मचाई। वायुसेना ने अपनी कार्यवाही में स्पाइस-2000 बमों का उपयोग किया था। जिसमें आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविर को नष्ट कर दिया। अब वायुसेना स्पाइस-2000 का उपयोग सुखोई 30एमकेआई में करने वाली है। स्पाइस 2000 से सुखोई काफी ताकतवार विमान हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक अभी सिर्फ मिराज-2000 ही ऐसा फाइटर विमान है जो स्पाइस बम का इस्तेमाल कर सकता है, परंतु अब वायुसेना सुखोई को भी इससे लैस करना चाहती है।
इजरायल से खरीदा स्पाइस बम
भारत ने इजरायल से कुछ साल पहले 200 से भी ज्यादा स्पाइस बम खरीदे थे। स्पाइस बमों के साथ सुखोई का ट्रायल शुरू हो चुका है। कुछ और ट्रायल्स के बाद सुखोई को बमों से लैस किया जाएगा। बता दें स्पाइस 2000 बम सैटेलाइट तस्वीरों पर निर्भर रहता है। वह फोटोग्राफ्स की मदद से दुश्मन को ठिकानों को नष्ट करता है। एक बार सफलता पूर्वक इंस्टॉल होने पर भारतीय वायुसेना काफी ताकतवर हो जाएगी। मिराज 2000 के अलावा सेना सुखोई का भी इस्तेमाल कर सकेगी।
सुखोई के सिर्फ तीन स्क्वाड्रन
भारतीय वायुसेना के पास अभी सुखोई की तीन स्क्वाड्रन हैं। वायुसेना ने बालाकोट में किए हमलों में स्पाइस बमों का इस्तेमाल किया था। इस बमों ने जैश के ठिकानों को नष्ट कर दिया। उल्लेखनीय है कि 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। हमला में भारत ने अपने 40 सीआरपीएफ जवानों को खो दिया। इसी हमले का बदला लेते हुए वायुसेना ने बालाकोट में हमला किया था।
सुखोई30 के बारे में
सुखोई30 एक प्रमुख फाइटर जेट्स में से एक है। इसे एक बेहतरीन एयरक्राफ्ट्स में गिना जाता है। सुखोई30 की लंबाई 21.92 मीटर और चौड़ाई 14.7 मीटर है। बगैर हथियार इसका वजन 18 हजार,400 किलोग्राम है। सुखोई 2100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ सकता है। यह तीन हजार किलोमीटर तक की गहराई में जाकर हमला करने में सक्षम है। इसमें दो शक्तिशाली इंजन है। यह हर मौसम में सफलतापूर्वक हमला कर सकता है।
Created On :   6 March 2019 9:44 AM IST