जम्मू-कश्मीर में लोन वुल्फ हमलों को रोकने के लिए उठाए गए कदम, स्थिति नियंत्रण में

Steps taken to stop Lone Wolf attacks in Jammu and Kashmir, situation under control
जम्मू-कश्मीर में लोन वुल्फ हमलों को रोकने के लिए उठाए गए कदम, स्थिति नियंत्रण में
सीआरपीएफ डीजी जम्मू-कश्मीर में लोन वुल्फ हमलों को रोकने के लिए उठाए गए कदम, स्थिति नियंत्रण में

डिजिटल डेस्क, मेरठ। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने गुरुवार को कहा कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर में लोन वुल्फ के हमले की तीन घटनाएं हुई हैं, लेकिन इस तरह के हमलों को रोकने के लिए कदम उठाए गए हैं और घाटी की सुरक्षा व्यवस्था नियंत्रण में है। बता दें कि लोन वुल्फ भेड़िए की तरह आतंकी हमला करने की रणनीति है, जिसका इस्तेमाल अक्सर आतंकवादी करते हैं। ऐसे हमले में आतंकी अकेले ही हमला करता है। इस रणनीति के तहत आतंकी छोटे हथियार का इस्तेमाल करते हुए अधिक से अधिक लोगों की जान लेना का प्रयास करता है।

सीआरपीएफ के रैपिड एक्शन फोर्स के 29वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम से इतर उन्होंने कहा कि इन हमलों के बाद घाटी में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई है और यह महसूस नहीं किया जाना चाहिए कि वहां की स्थिति बिगड़ गई है। सीआरपीएफ के डीजी ने माना कि कुछ जगहों पर दिक्कत आई है और बल वहां खुफिया जानकारी जुटा रहा है। उन्होंने कहा, मैं कह सकता हूं कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति नियंत्रण में है और वहां आतंकी हमलों में कोई वृद्धि नहीं हुई है।

आरएएफ की विशेष टीमों के बारे में बोलते हुए, सिंह ने कहा कि प्रत्येक इकाई में 60 कर्मियों के साथ कुल 30 इकाइयों को बाढ़ बचाव अभियान, भूकंप बचाव प्रबंधन, रासायनिक, जैविक, परमाणु आपदा जैसी प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं के लिए पहली प्रतिक्रिया के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। इन्हें देशभर में आरएएफ की सभी 15 बटालियन में तैनात किया जाएगा। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने 2020 में सुझाव दिया था कि सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के पास किसी भी प्राकृतिक आपदा के मामले में प्रतिक्रिया देने के लिए बल के भीतर प्रशिक्षित और विशेष टीमें होनी चाहिए। डीजी ने कहा कि ये टीमें देश के अधिकांश हिस्सों में अपनी मौजूदगी के कारण किसी भी आपदा की स्थिति में बचाव अभियान शुरू करेंगी।

मेरठ में आरएएफ एकेडमी फॉर पब्लिक ऑर्डर (आरएपीओ) के बारे में बात करते हुए, डीजी ने कहा, यह देश की पहली और एकमात्र अकादमी है जहां हिंसक भीड़ और दंगा जैसी स्थितियों के प्रबंधन और मानव जीवन की रक्षा के लिए सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। अब तक इस अकादमी ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल और महाराष्ट्र, मेघालय, राजस्थान, त्रिपुरा और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और दिल्ली जैसे राज्यों के पुलिस कर्मियों के सुरक्षा कर्मियों को प्रशिक्षित किया है। इनके अलावा म्यांमार और जिम्बाब्वे के सुरक्षा बलों को इस अकादमी में प्रशिक्षित किया गया था। रैपिड एक्शन फोर्स दंगा और भीड़ नियंत्रण स्थितियों से निपटने और राज्य प्रशासन को कानून और व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक विशेष शाखा है।

(आईएएनएस)

 

Created On :   7 Oct 2021 9:00 PM IST

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