2021 में अंतरिक्ष क्षेत्र के स्टार्टअप की संख्या दोगुनी से भी अधिक हुई- आर्थिक सर्वेक्षण
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। अंतरिक्ष क्षेत्र में नए स्टार्टअप की संख्या 2021 में पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी से अधिक 47 हो गई है। सोमवार को जारी भारत के आर्थिक सर्वेक्षण में इसकी जानकारी दी गई। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, अंतरिक्ष क्षेत्र में 2021 में रजिस्टर्ड नए स्टार्टअप की संख्या 2020 में 21 से 47 हो गई है जो 2019 में 11 थी।
हाल की नीतिगत पहलों और निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ, भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के एक बड़े हिस्से पर कब्जा करने की उम्मीद है, जो 2020 में 447 बिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब था। सर्वेक्षण में कहा गया है कि वर्तमान में, भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का केवल दो प्रतिशत हिस्सा है, जो प्रमुख खिलाड़ियों यूएसए और चीन से बहुत पीछे है।
सर्वेक्षण के अनुसार, दुनिया भर में, अंतरिक्ष गतिविधियों की प्रवृत्ति संक्रमण की स्थिति में है। मुख्य रूप से सरकार द्वारा संचालित होने से, इस क्षेत्र में न केवल पारंपरिक विक्रेता भूमिका में बल्कि निजी क्षेत्र की भागीदारी में वृद्धि देखी जा रही है।इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार किए जिससे:-
- सार्वजनिक क्षेत्र की न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के परिचालन रॉकेट और उपग्रहों का मालिक होगा।
- एनएसआईएल उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के समूहक के रूप में कार्य करेगा और प्रतिबद्धताओं को प्राप्त करेगा।
- अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी खिलाड़ियों के नियामक और प्रमोटर भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) की स्थापना।
- इन-स्पेस निजी क्षेत्र को शुल्क के लिए अंतरिक्ष विभाग/इसरो की सुविधाओं का उपयोग करने की भी अनुमति देगा।
अंतरिम इन-स्पेस बोर्ड को बड़े उद्योगों, एमएसएमई, स्टार्टअप्स और शिक्षाविदों से करीब 40 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जो अंतरिक्ष क्षेत्र में गतिविधियों की विस्तृत श्रृंखला को कवर करते हैं। अपस्ट्रीम (लॉन्च व्हीकल/सैटेलाइट निर्माण) के साथ-साथ डाउनस्ट्रीम (अर्थ ऑब्जर्वेशन एप्लिकेशन, कम्युनिकेशन्स और अन्य) दोनों में कटौती करते हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, इसरो सुविधाओं में पांच निजी उपग्रहों का परीक्षण किया गया है, चार छात्र उपग्रहों को पीएसएलवी सी-51 रॉकेट पर लॉन्च किया गया था। अंतरिक्ष वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय पंजीकरण तंत्र लागू किया गया है, जिसमें पांच उपग्रह रजिस्टर्ड हैं। सर्वेक्षण में कहा गया है कि तकनीकी विशेषज्ञता और सुविधाओं को साझा करने के लिए निजी/शैक्षणिक संस्थाओं के साथ कुल छह समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
(आईएएनएस)
Created On :   31 Jan 2022 7:00 PM IST