सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने के-रेल प्रोजेक्ट का किया विरोध
- परियोजना को मंजूरी देना राज्य के लिए उचित नहीं
डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम । सामाजिक कार्यकर्ता और नेशनल अलायंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट (एनएपीएम) की प्रमुख मेधा पाटकर ने रविवार को केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट के-रेल प्रोजेक्ट का विरोध किया है। कोच्चि में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि राज्य में लगातार बाढ़ और भूस्खलन के बाद पर्यावरण की गंभीर स्थिति को देखते हुए पर्यावरण और समाज पर इसके प्रभाव पर एक उचित अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है। सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि सामाजिक प्रभाव पर एक उचित अध्ययन होना चाहिए और इस तरह के अध्ययनों के बिना परियोजना को मंजूरी देना राज्य में उचित नहीं था।
पाटकर ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह सांप्रदायिकता के खिलाफ वामपंथी एकता के लिए अच्छा नहीं था, जिसे सीपीएम प्रचारित कर रही है। 1.25 लाख करोड़ रुपये की प्रस्तावित परियोजना तिरुवनंतपुरम से कासरगोड तक चलने वाला एक सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोर है और राज्य सरकार और परियोजना के समर्थकों का दावा है कि हाई-स्पीड ट्रेन 600 किमी से अधिक की दूरी चार घंटे में तय करेगी।
परियोजना का कड़ा विरोध पहले ही विपक्षी कांग्रेस और भाजपा द्वारा परियोजना का विरोध और यहां तक कि सीपीएम जिला सम्मेलनों में किया जा रहा है, जो परियोजना के खिलाफ तीखी आलोचना कर रहे हैं। माकपा ने पार्टी के कन्नूर जिला सचिव एम.वी. जयराजन ने कहा कि जो लोग सिल्वर लाइन परियोजना का विरोध कर रहे हैं, उनका विरोध होगा।
(आईएएनएस)
Created On :   9 Jan 2022 9:31 AM GMT