महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन, राज्यपाल की सिफारिश पर लगी मुहर, शिवसेना की SC में याचिका

Shiv Sena moves Supreme Court against Governor denying request for time
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन, राज्यपाल की सिफारिश पर लगी मुहर, शिवसेना की SC में याचिका
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन, राज्यपाल की सिफारिश पर लगी मुहर, शिवसेना की SC में याचिका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की राज्यपाल की शिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुहर लगा दी है। इस बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले को चुनौती देने के लिए शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। शिवसेना की ओर से वकील सुनील फर्नांडीज ने ये याचिका लगाई है। शिवसेना का कहना है कि सरकार बनाने की उनकी क्षमता को साबित करने के लिए राज्यपाल ने पर्याप्त समय नहीं दिया। शिवेसना राज्य में राष्ट्रपति शासन को भी चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दूसरी याचिका लगाने की तैयारी में है।

राष्ट्रपति ने दी प्रेसिडेंट रूल की मंजूरी
महाराष्ट्र के राज्यपाल ने मंगलवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करते हुए अपनी एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी थी। रिपोर्ट में यह कहा गया था कि फ़िलहाल संविधान के हिसाब से सरकार बनना असंभव है। ऐसे में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। इसके बाद, केंद्र सरकार ने आनन-फानन में कैबिनेट बैठक बुलाकर गवर्नर की सिफ़ारिश पर राष्ट्रपति शासन लगाने का फ़ैसला किया। कैबिनेट की अनुशंसा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजा गया। इस प्रस्ताव को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिल गई है।

क्या कहा गृह मंत्रालय ने?
राष्ट्रपति शासन की मंजूरी के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि "महाराष्ट्र में फिलहाल 6 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लागू हुआ है।" गृह मंत्रालय ने कहा "राज्यपाल ने बताया कि वह राज्य में सरकार के लिए सभी प्रयास कर चुके हैं लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। राज्यपाल इस बात से पूरी तरह संतुष्ट हैं कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है कि राज्य में कोई स्थिर सरकार नहीं बनाई जा सकती है।"

याचिका की कॉपी देखने के बाद उठाएंगे उचित कदम
महाराष्ट्र सरकार के वकील निशांत कटनेश्वर ने कहा कि राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन को लेकर जो सिफारिश की उसके खिलाफ शिवसेना ने एक याचिका दायर की है। शिवसेना ने याचिका में कहा है कि सरकार के गठन के संबंध में उनके दावे को राज्यपाल ने खारिज कर दिया। अभी याचिका की कॉपी हमें नहीं मिली है। याचिका की एक कॉपी मैं लूंगा उसके बाद उसे देखूंगा कि याचिका का आधार क्या है, उसके बाद उचित कदम उठाए जाएंगे।

वहीं, शिवसेना के वकील राजेश इनामदार ने कहा कि राष्ट्रपति शासन के बारे में जो भी जानकारी मुझे मिल रही है वह समाचार चैनलों के माध्यम से है। इस पर एक कानूनी चर्चा करेंगे और उसके बाद अगर कोई याचिका दायर करने की जरूरत होगी तो हम कानून के मुताबिक कानूनी सहारा लेंगे।

राष्ट्रपति शासन के खिलाफ याचिका दायर करने की तैयारी में शिवसेना
शिवेसना राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट में दूसरी याचिका लगाने की तैयारी में है। शिवसेना के वकील सुनील फर्नांडीस ने कहा, "राष्ट्रपति शासन को चुनौती देने वाली ताजा/दूसरी याचिका को तैयार कर लिया गया है। इसे कब दायर करना है, इस पर कल फैसला लिया जाएगा। 

शिवसेना को नहीं दिया राज्यपाल ने और समय
बता दें कि बीजेपी के सरकार बनाने से इनकार करने के बाद शिवसेना को रविवार को राजभवन से सरकार बनाने को लेकर चिट्ठी भेजी गई थी। उन्हें सोमवार शाम 07.30 बजे तक का सरकार बनाने का दावा पेश करने का समय दिया गया था। चिट्ठी मिलने के बाद सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता राज्यपाल से मिलने पहुंचे। हालांकि कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन की चिट्ठी न मिलने के कारण शिवसेना सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर पाई। शिवसेना ने राज्यपाल से बहुमत साबित करने के लिए 3 दिनों का वक्त मांगा, लेकिन उन्होंने वक्त देने से इनकार कर दिया।

शिवसेना के बाद एनसीपी को राज्यपाल का न्योता
शिवसेना का सरकार बनाने का दावा फेल होने के बाद राज्यपाल ने तीसरी बड़ी पार्टी एनसपी को सरकार बनाने की इच्छा और क्षमता साबित करने के लिए सोमवार शाम चिट्ठी भेजी और 24 घंटे का समय दिया। राज्यपाल से चिट्ठी मिलने के बाद एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, "हम कांग्रेस के साथ विचार-विमर्श करेंगे और देखेंगे कि राज्य को एक स्थिर सरकार कैसे प्रदान की जा सकती है।" इसके बाद मंगलवार को कांग्रेस और एनसीपी दोनों पार्टियों ने सरकार बनाने को लेकर बैठकें आयोजित की।

24 अक्टूबर को घोषित किए गए थे नतीजे
महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित किए गए थे, लेकिन अब तक कोई भी पार्टी राज्य में सरकार का गठन नहीं कर पाई है। चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें, शिवसेना ने 56, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीतीं। शिवसेना और भाजपा ने 288 सदस्यीय विधानसभा की 161 सीटों पर जीत हासिल कर 145 के बहुमत के आंकड़े को आसानी से पार कर लिया है, लेकिन दोनों के बीच सीएम पद को लेकर सहमति नहीं बन पाई।

फडणवीस ने सौंप दिया था इस्तीफा
बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस ने शुक्रवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इस्तीफा सौंपने के बाद फडणवीस ने दावा किया था कि शिवसेना को कभी भी ढाई साल के लिए सीएम पद देने का वादा नहीं किया गया। वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरने ने फडणवीस के बयान को झूठा बताया था। ठाकरे ने कहा था, सबको पता है झूठ कौन बोल रहा है।

शिवसेना का दावा, तय किया गया था 50-50 का फॉर्मूला
शिवसेना का दावा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले उनके और भाजपा के बीच आपसी सहमति से 50-50 फॉर्मूला तय किया गया था। जिसके मुताबिक दोनों पार्टियों को प्रदेश में ढाई-ढाई साल तक अपनी सरकार चलानी थी। शिवसेना का आरोप है कि भाजपा दोनों पार्टियों के बीच हुए इस फैसले से मुकर रही है।

Created On :   12 Nov 2019 5:10 PM IST

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