राजस्थान: बेटे की हार पर CM गहलोत बोले- सचिन पायलट हैं जिम्मेदार
- पायलट ने मेरे बेटे के लिए सुझाया था जोधपुर सीट का नाम- गहलोत
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बेटे की हार के लिए सचिन पायलट के लिए जिम्मेजदार ठहराया
- हार के बाद राजस्थान कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
डिजिटल डेस्क, जयपुर। लोकसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद राजस्थान कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बेटे वैभव गहलोत की जोधपुर से हार के लिए पार्टी प्रदेश सचिन पायलट को जिम्मेदार ठहराया है। एक निजी चैनल को इंटरव्यू में गहलोत ने कहा, ""जोधपुर लोकसभा सीट से मेरे बेटे का नाम पायलट ने ही सुझाया था। उन्होंने मुझसे कहा था कि वह बड़े अंतर से जीतेगा, क्योंकि हमारे वहां 6 विधायक हैं, और हमारा चुनाव अभियान बढ़िया था। तो मुझे लगता है कि उन्हें वैभव की हार की जिम्मेदारी तो लेनी चाहिए। जोधपुर में पार्टी की हार का पूरा पोस्टमॉर्टम होगा कि हम वह सीट क्यों नहीं जीत सके।
हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर सचिन पायलट ने किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से मना कर दिया, लेकिन गहलोत के इस बयान पर आश्चर्य जताया है। पायलट के खिलाफ इस तरह के बयान पर उनके सामर्थकर गहलोत की कड़ी निंदा कर रहे हैं। पायलट समर्थकों ने सार्वजनिक तौर पर यह कहना शुरू कर दिया कि राज्य में कांग्रेस की हार का कारण सीएम के काम करने का तरीका है। बता दें कि सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं और अशोक गहलोत सरकार में उपमुख्यमंत्री भी हैं। गहलोत-पायलट दोनों की निगरानी में राजस्थान में कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था, लेकिन हार के बाद कोई भी स्पष्ट रुप से जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं है।
गहलोत ने कहा, मुझसे पायलट ने कहा था कि हम जोधपुर जीत रहे थे। उन्होंने जोधपुर से टिकट लिया, लेकिन हम सभी 25 सीट हार गए। इसलिए यदि कोई कहता है कि सीएम या पीसीसी चीफ को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। मेरा मानना है कि यह एक सामूहिक जिम्मेदारी है। हार की जिम्मेदारी हर किसी को लेनी चाहिए। गहलोत ने कहा ठीक इस हार के विपरीत सोचें यदि कोई जीतता है सब श्रेय मांगते हैं, लेकिन यदि कोई हारता तो कोई जिम्मेदारी नहीं लेता। चुनाव सामूहिक नेतृत्व में पूरे हुए हैं।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने वैभव गहलोत को करीब 4 लाख वोटों के अंतर से हराया है। यहां तक कि गहलोत की विधानसभा सीट सारदापुरा से भी वैभव 19000 वोटों से पीछे रहे। जबकि गहलोत 1998 से वहां से जीतते आ रहे हैं। गहलोत का इस सीट से हारना इसलिए भी चौंकाने वाला है, क्योंकि गहलोत वहां से 5 बार चुनकर संसद पहुंच चुके हैं। बता दें कि गहलोत ने इस चुनाव में कुल 130 रैलियां की थी। जिनमें से 97 रैलियां सिर्फ जोधपुर सीट पर अपने बेटे के लिए की थी। इसी बात पर CWC की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नाराजगी जाहिर करते हुए पुत्रमोह वाला बयान दिया था।
Created On :   4 Jun 2019 7:52 AM IST