शिवसेना का राज्यपाल पर हमला, कहा- एक भगत देश के लिए फांसी पर चढ़े, दूसरे ने लोकतंत्र की हत्या की
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीतिक परिस्थितियों में हर पल में एक नया ट्विस्ट सामने आ रहा है। विधानसभा चुनाव में साथ लड़े बीजेपी और शिवसेना की राहे अब जुदा हो गई। ऐसे में शिवसेना लगातार अपने मुखपत्र "सामना" में लेख लिख बीजेपी पर हमला कर रही है। अब शिवसेना ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर भी निशाना साधा है। सामना में लिखा है, "शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी इन तीनों पार्टियों ने मिलकर राजभवन में 162 विधायकों का पत्र प्रस्तुत किया है। ये सभी विधायक राजभवन में राज्यपाल के समक्ष खड़े रहने को तैयार है।"
सामना में लिखा है, "इतनी साफ तस्वीर होने के बावजूद राज्यपाल ने किस बहुमत के आधार पर देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ दिलाई। इन लोगों ने जाली कागज पेश किए और संविधान के रक्षक भगतसिंह नामक राज्यपाल ने आंख बंद करके उनपर विश्वास किया। फिर तीनों पार्टियों के विधायकों ने अपने हस्ताक्षरवाला पत्र सौंपा, इस पर राज्यपाल महोदय का क्या कहना है। एक भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए फांसी के फंदे को चूम लिया था। वहीं दूसरे भगतसिंह के हस्ताक्षर से रात के अंधेरे में लोकतंत्र और आजादी को वध स्तंभ पर चढ़ा दिया गया।"
सामना में कहा गया कि महाराष्ट्र में जो कुछ भी हुआ उसे चाणक्य-चतुराई या कोश्यारी साहेब की होशियारी कहना भूल होगी। विधायकों का अपहरण करना और उन्हें दूसरे राज्य में ले जाकर कैद रखना, ये कैसी चाणक्य नीति है। अजीत पवार का सारा खेल खत्म हो गया तब उन्होंने कहा कि शरद पवार ही हमारे नेता हैं और मैं राष्ट्रवादी का हूं। ये हार की मानसिकता है।
सामना में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकारी पर तीखा हमला किया है। लिखा है कि गडकरी एक अच्छे राजनीतिज्ञ हैं ऐसा समझा जाता था, ये भी गलत साबित हुआ। इस पूरे मामले को उन्होंने क्रिकेट के खेल जैसा बताया। हम भी उनके कहते हैं कि अपनी सेहत का ध्यान रखो। चाहे जितनी भी फिक्सिंग हो जाए, सत्यमेव जयते के घोषवाक्य की हार जुआरी नहीं कर सकते।
Created On :   26 Nov 2019 3:45 AM GMT