यूपी के पूर्व सीएम एनडी तिवारी के बेटे की मौत, हार्ट अटैक बताई जा रही वजह
- उत्तराखंड और यूपी के पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की मौत हो गई है।
- रोहित को तबीयत खराब होने के बाद मैक्स हॉस्पिटल ले जाया गया था जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
- साउथ दिल्ली के डीसीपी विजय कुमार ने इसकी पुष्टि की है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तराखंड और यूपी के पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की मौत हो गई है। साउथ दिल्ली के डीसीपी विजय कुमार ने इसकी पुष्टि की है। रोहित तिवारी की अचानक तबीयत खराब होने के बाद उन्हें मैक्स हॉस्पिटल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि रोहित की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है। कुछ साल पहले भी रोहित को हार्ट अटैक आया था, उस समय डॉक्टर उन्हें बचाने में कामयाब रहे थे। पिछले साल 18 अक्टूबर को उनके पिता एनडी तिवारी का भी निधन हो गया था। बता दें कि रोहित ने खुद को एनडी तिवारी का बेटा साबित करने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी थी।
डीसीपी विजय कुमार ने कहा, रोहित दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी इलाके के निवासी थे। रोहित की मां उज्जवला तिवारी और पत्नी उन्हें साकेत मैक्स अस्पताल लेकर पहुंची थीं। जिसके बाद साकेत मैक्स के डॉक्टरों ने उन्हें शाम 5.50 बजे मृत घोषित कर दिया।
बता दें कि रोहित शेखर पेशे से लॉयर थे। रोहित ने खुद को एनडी तिवारी का बेटा साबित करने के लिए पेटरनेटी सूट दायर किया था। रोहित ने दावा किया गया था कि एनडी तिवारी उनके बायोलॉजिकल फादर है। दिल्ली हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में शेखर ने दावा किया था कि वह एनडी तिवारी और उनकी मां उज्जवाला के बीच के अवैध संबंध से पैदा हुए थे। हालांकि तिवारी ने आरोपों को खारिज करते हुए, शुरुआत में DNA टेस्ट कराने से इनकार कर दिया था। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर जब तिवारी का DNA टेस्ट हुआ तो रोहित उनके बायोलॉजिकल बेटे निकले। दिल्ली हाईकोर्ट ने 2014 में इसे लेकर एक आदेश भी पारित किया था।
पिछले साल जनवरी में, उत्तराखंड विधानसभा चुनावों से पहले रोहित पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में बीजेपी में शामिल हो गए थे। दरअसल, एनडी अपने पुत्र रोहित शेखर को राजनीति में स्थापित करने को प्रयासरत थे। यूपी में अखिलेश यादव ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दे रखा था, लेकिन एनडी जैसे अनुभवी राजनेता को पता है कि राजनीति की बुनियाद उस वक्त तक मजबूत नहीं होती, जब तक जनता के प्रतिनिधि के रूप में स्थापित न हो जाया जाए।
Created On :   16 April 2019 7:05 PM IST