बढ़ता कोविड संक्रमण, मौतें चिंता का कारण नहीं, वायरस स्थानिक बन गया है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विशेषज्ञों ने यहां मंगलवार को कहा कि कोविड संक्रमण और मौत दोनों में मौजूदा वृद्धि चिंता का कोई कारण नहीं है। हम कोविड की स्थानिकता तक पहुंच चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में मंगलवार को पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 7,633 नए मामले दर्ज किए, जो सक्रिय मामलों की संख्या को 61,233 तक ले गए।
पिछले सप्ताह देश ने एक दिन में करीब 10,000 मामलों की सूचना दी, जबकि छह सप्ताह पहले एक दिन में केवल 100 मामले थे। देश में सप्ताह दर सप्ताह मामलों की संख्या में 79 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. ईश्वर गिलाडा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से हमें कोविड के और मामले मिल सकते हैं। उन्होंने कहा, जिस तरह से मामले अब कई गुना बढ़ रहे हैं, मई के अंत तक संख्या एक दिन में एक लाख तक जा सकती है, (लेकिन) तब भी मैं इसे लहर नहीं कहूंगा।
डॉ. गिलाडा ने कहा, हमें बहुत अधिक निगरानी करने की जरूरत है और समय-समय पर उतार-चढ़ाव को कम करना है। यह उस स्थानिकता का हिस्सा है, जिसमें हम पहले से ही हैं। चूंकि पिछले 16 महीनों में कोई नया संस्करण नहीं है, हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है कि वहां एक बड़ी लहर होगी।
फोर्टिस अस्पताल, मुलुंड की संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. अनीता मैथ्यू ने कहा, ऐसा लगता है कि कोविड-19 स्थानिक हो गया है और फ्लू की तरह हम निकट भविष्य में उतार-चढ़ाव देख सकते हैं। संक्रमण के साथ-साथ मरने वालों की संख्या भी बढ़ रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 11 मौतों की सूचना दी - दिल्ली (4), हरियाणा (1), कर्नाटक (1) और पंजाब (1), जबकि केरल द्वारा चार मौतों का मिलान किया गया। डॉ. गिलाडा के अनुसार, लगभग 70 प्रतिशत मौतें 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों और सह-रुग्णताओं, अनियंत्रित मधुमेह, गुर्दे की समस्या वाले कैंसर रोगियों, कीमोथेरेपी रोगियों और तपेदिक रोगियों में देखी जाती हैं।
सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में संक्रामक रोग के सह-निदेशक डॉ. वसंत नागवेकर ने आईएएनएस से कहा, कोविड मामलों में वृद्धि हुई है, लेकिन उनमें से अधिकांश हल्के और आत्म-सीमित हैं। मेजबान और पर्यावरणीय कारकों के कारण ये लगातार बढ़ रहे हैं। कोविड मामलों में मौजूदा वृद्धि में दोबारा संक्रमण भी शामिल है, जिसे विशेषज्ञों ने नोट किया है, क्योंकि संक्रमण और टीकाकरण, दोनों से प्रतिरक्षा कम हो रही है।
डॉ. गिलाडा ने कहा, हाइब्रिड इम्युनिटी जो इन्फेक्शन प्लस वैक्सीन है.. दोनों ही कम हो रहे हैं और इसलिए, जो लोग पहले से ही संक्रमित या टीका लगवा चुके हैं, उन्हें अभी भी संक्रमण हो सकता है, लेकिन बेहतर बात यह होगी कि संक्रमण हल्का होगा, उन्हें आईसीयू या वेंटिलेटर की जरूरत नहीं होगी।
डॉ. मैथ्यू ने आईएएनएस से कहा, बीमारी के प्रसार को सीमित करने का एकमात्र तरीका टीकाकरण और मास्किंग है, हमें उच्च जोखिम वाली आबादी की रक्षा के लिए ऐसा करने की जरूरत है। हमें चिंतित होने की जरूरत नहीं है, बल्कि सतर्क रहना है।
(आईएएनएस)
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Created On :   18 April 2023 8:00 PM IST