कारोबारी विवाद के बीच संघ मुख्यालय पहुंचे थे रतन टाटा,सरसंघचालक से मुलाकात चर्चा में
- सुबह 9.35 बजे संघ मुख्यालय में करीब आधे घंटे की भेंट के बाद वे मुंबई के लिए रवाना हो गए।
- जाने माने उद्यमी व टाटा एंड सन्स के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा की सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत से मुलाकात चर्चा में हैं।
- संघ सूत्र के अनुसार यह भेंट एकदम निजी थी।
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जाने माने उद्यमी व टाटा एंड सन्स के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा की सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत से मुलाकात चर्चा में हैं। संघ सूत्र ने भले ही इस मुलाकात को औपचारिक कहा है, लेकिन जानकारों का मानना है कि इस बार टाटा की यह मुलाकात एकदम सामान्य नहीं है। टाटा कारोबार मामले में विवाद में हैं। पिछले कुछ समय से उनका राजनीतिक क्षेत्र के लोगों से अप्रत्यक्ष जुड़ाव गहराया है। गुरुवार को उन्होंने मुंबई उच्च न्यायालय में स्पर्धक कारोबारी नुस्ली वाडिया के विरोध में याचिका दी है।
न्यायालय का सूचित किया है कि वाडिया ने उनके विरोध में निराधार मानहानि की शिकायत की है। उस शिकायत को रद्द किया जाए। बुधवार की सुबह टाटा ने महल क्षेत्र स्थित संघ मुख्यालय में सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत से मुलाकात की थी। मुलाकात के लिए टाटा मंगलवार की शाम को ही नागपुर में पहुंच गए थे। एक होटल में ठहरे थे। नागपुर दौरे को उन्होंने काफी गोपनीय रखा था। बुधवार की सुबह 9.35 बजे संघ मुख्यालय में करीब आधे घंटे की भेंट के बाद वे मुंबई के लिए रवाना हो गए।
संघ सूत्र के अनुसार यह भेंट एकदम निजी थी। किसी कार्यक्रम के लिए निमंत्रण देने टाटा पहुंचे थे। 3 वर्ष में देखा जाए तो टाटा का संघ से जुड़ाव बढ़ा है। 28 दिसंबर 2016 को वे नागपुर में सरसंघचालक से मिले थे। उस समय वे भाजपा नेता व कारपोरेट क्षेत्र में समन्वयक की भूमिका में पहचाने जाने वाली सायना एनसी के साथ यहां आए थे। संघ के पदाधिकारियों ने विमानतल पर उनका औपचारिक स्वागत किया था। उस मुलाकात के बाद टाटा संघ के बारे में खुलकर बाेलने लगे। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी संस्था के तौर पर संघ के कार्य से वे काफी प्रभावित हैं। उस भेंट के बाद 24 अगस्त 2018 को मुंबई में दिवंगत नाना पालकर के जन्मसदी कार्यक्रम में टाटा ने सरसंघचालक के साथ मंच साझा किया था। इस बीच टाटा ने सामाजिक योगदान के तौर पर कुछ प्रकल्प भी लाए हैं। वे विदर्भ के सबसे पिछड़े कहलाने वाले गड़चिरोली जिले में बांस प्रकल्प पर काम कर रहे है।
टाटा स्टीट की यूनिल लगाने की पहल भी हुई है। टाटा के इन कार्यों का जिक्र भाजपा के स्थानीय बड़े नेता भी भाषणों में बार बार करते रहते हैं। राज्य सरकार की योजनाओं में भी टाटा के योगदान की पहल की जाती रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से चलाये जानेवाले सेवाकार्यों की टाटा ने बार बार सराहना की है।
Created On :   19 April 2019 6:30 PM IST