पुलवामा हमला: आत्मघाती हमलावर को पनाह देने वाले बाप-बेटी गिरफ्तार, अब तक तीन हत्थे चढ़े
- आरोपियों ने आईईडी की तैयारी में हमलावरों की थी सहायता
- एजेंसी ने दोनों आरोपियों को लेथपोरा इलाके से पकड़ा
- मामले में अब तक इस मामले में तीन गिरफ्तारियां हुईं
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को मंगलवार को पुलवामा आतंकी हमले के मामले में बड़ी सफलता मिली। एनआईए ने पुलवामा में आत्मघाती हमलावर आदिल डार की मदद करने वाली लड़की और उसके पिता को गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने दोनों आरोपियों को लेथपोरा इलाके से पकड़ा है। इनकी पहचान तारिक अहमद शाह (50) और उसकी बेटी इंशा जान (23) के तौर पर हुई है। बताया जाता है कि तारिक पेशे से ड्राइवर है।
बता दें कि अब तक इस मामले में तीन गिरफ्तारियां हो चुकीं हैं। इससे चार दिन पहले 28 फरवरी को ही एजेंसी ने पुलवामा आतंकी हमले के एक साल बाद बड़ी सफलता हासिल की थी। एजेंसी ने शुक्रवार को आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार को शरण देने वाले शाकिर बशीर मागरे नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले के काकापोरा के हाजीबाल का निवासी मागरे पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकी समूह का ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) है। उस पर सीआरपीएफ के काफिले को ट्रैक करने का आरोप है। शाकिर बशीर मागरे के खुलासे के बाद मंगलवार को ये दोनों बाप-बेटी एजेंसी के हाथ लगे हैं। हालांकि सूत्र ने यह नहीं बताया कि उन्हें किस आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जानकारी मिली है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां की जाएंगी।
आईईडी की तैयारी में हमलावरों की सहायता की
एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, मागरे ने पुलवामा आत्मघाती हमलावर को आश्रय देने के साथ ही अन्य प्रकार से भी सहायता प्रदान की। उसे शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की विशेष एनआईए अदालत ने 15 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया है। पूछताछ के दौरान मागरे ने खुलासा किया कि उसने डार और पाकिस्तान के आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक को 2018 के अंत से फरवरी 2019 के बीच अपने घर पर पनाह दी और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) की तैयारी में उनकी सहायता की।
जनवरी 2019 में सीआरपीएफ के काफिले की आवाजाही रैकी की
उसकी दुकान लेथपोरा पुल के पास स्थित है और मोहम्मद उमर द्वारा दी गई सलाह के अनुसार ही उसने जनवरी 2019 में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर सीआरपीएफ के काफिले की आवाजाही की टोह लेनी शुरू कर दी और इसके बारे में मोहम्मद उमर और आदिल अहमद डार को सूचित किया।
कार को मोडीफाई करने और उसमें आईईडी फिट करने में शामिल था मागरे
मारुति ईको कार को मोडीफाई करने और फरवरी 2019 की शुरुआत में इसमें आईईडी फिट करने में मागरे भी शामिल रहा था। वह 2018 के मध्य में मोहम्मद उमर द्वारा आदिल अहमद डार से मिलवाया गया और इसके बाद वह जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का पूर्णकालिक ओजीडब्ल्यू बन गया।
एजेंसी ने 28 फरवरी को कहा था कि उसने अपनी शुरुआती पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि कई मौकों पर उसने जेईएम आतंकवादियों को हथियार, गोला-बारूद, नकदी और विस्फोटक सामग्री दी, जिसमें पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले लोग भी शामिल थे।
Created On :   4 March 2020 1:39 AM IST
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