जम्मू-कश्मीर: भारतीय सेना ने नाकाम किया पुलवामा जैसा हमला, पानी की टंकी से बरामद किया 52 किलो विस्फोटक
- कश्मीर में गादिकल के कारेवा इलाके में 52 किलोग्राम विस्फोटक बरामद
- भारतीय सेना ने नाकाम की पुलवामा जैसे आतंकी हमले की साजिश
- विस्फोटकों के 416 पैकेट बरामद किए गए
- पानी की टंकी में छिपाया था विस्फोटक
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आतंकी एक बार फिर पुलवामा जैसे किसी बड़े हमले को अंजाम देने वाले थे, लेकिन भारतीय सुरक्षाबलों ने उनके नापाक इरादों पर पानी फेर दिया। सेना की ओर से गुरुवार को जारी बयान में बताया गया कि कश्मीर के गडिकाल के करेवा इलाके में 52 किलो विस्फोटक बरामद किया है। बताया जा रहा है कि आतंकी इस विस्फोटक का इस्तेमाल पुलवामा जैसे ही किसी बड़े हमले करने की फिराक में थे।
जानकारी अनुसार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में सूचना मिलने पर कार्रवाई करते हुए, सेना और सीआरपीएफ के साथ पुलिस ने अवंतिपोरा में गाडीखाल गांव के जंगलों के पास एक नर्सरी क्षेत्र की संयुक्त तलाशी ली। वन क्षेत्र की खोज के दौरान, दो विस्फोटक डंप पाए गए, जिन्हें दो अलग-अलग 250 लीटर वाले प्लास्टिक टैंकों में जमीन के नीचे छुपाया गया था।
पानी की टंकी से बरामद किए गए विस्फोटक
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तलाश अभियान के दौरान सुबह करीब आठ बजे पानी की एक टंकी से विस्फोटक बरामद किए गए। एक प्लास्टिक टैंक में 416 उच्च-विस्फोटक जिलेटिन स्टिक्स (छड़ें) बरामद की गई हैं, जबकि एक अन्य प्लास्टिक टैंक में 50 डेटोनेटर्स को बरामद किया गया है। डेटोनेटर्स को बम डिस्पोजल स्क्वाड की ओर से उन्हें ले जाने के जोखिम के कारण मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इन विस्फोटकों को "सुपर-90" या "एस-90" के नाम से जाना जाता है।
पुलिस ने कहा कि इस रिकवरी के आधार पर सुरक्षा बल विस्फोटक पदार्थों के माध्यम से एक बड़े आतंकी हमले को रोकने में सक्षम हुए हैं। यह घटना जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलवामा में लेथपोरा के करीब हुई, जहां फरवरी 2019 में आत्मघाती हमला हुआ था। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बीते साल हुआ था पुलवामा में हमला
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के काफिले पर बड़ा हमला हुआ था। पुलवामा के अवंतिपोरा में हुए इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने आईईडी से भरी एक कार का इस्तेमाल किया था, जिसे सीआरपीएफ जवानों के काफिले से लड़ा दिया गया था। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।
Created On :   17 Sept 2020 11:43 PM IST