राष्ट्रपति ने नौसेना संचालन का डेमो देखा, कोच्चि में आईएसी विक्रांत का किया मुआयना
- उन्होंने 40 मिनट के आयोजन में जहाजों और विमानों की युद्ध क्षमता के डेमो देखे
डिजिटल डेस्क,कोच्चि। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को एर्नाकुलम चैनल में नौसैनिक अभियान का प्रदर्शन देखा और यहां कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में निर्माणाधीन स्वदेशी विमानवाहक पोत (आईएसी) विक्रांत का भी मुआयना किया।
उन्होंने 40 मिनट के आयोजन में जहाजों और विमानों की युद्ध क्षमता, जिसमें नकली समुद्र तट टोही और हमला, तेज इंटरसेप्टर क्राफ्ट द्वारा उच्च गति वाले रन, तट पर बमबारी, हेलोबैटिक्स, सोनार डंक ऑपरेशन, बोर्डिग ऑपरेशन और नौसैनिक हेलीकॉप्टरों द्वारा कार्गो स्लिंग ऑपरेशन के डेमो देखे।
राष्ट्रपति के साथ केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल एम.ए. हम्पीहोली भी थे।
दिन के मुख्य आकर्षण थे, नौसेना के जहाजों द्वारा स्टीम पास्ट के साथ-साथ सेल ट्रेनिंग शिप तरंगिनी के यार्ड और आर्म्स की मैनिंग, जो एक कॉलम फॉर्मेशन में पैंतरेबाजी करते थे।
राष्ट्रपति ने बाद में आईएसी विक्रांत का भी मुआयना किया, जो कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में निर्माणाधीन है। राष्ट्रपति को जहाज चालू करने की दिशा में परीक्षण की प्रगति के बारे में जानकारी दी गई।
स्वदेशी सामग्री से आईएसी के निर्माण का 76 प्रतिशत काम पूरा होने के करीब है। इस परियोजना की कुल लागत 19,341 करोड़ रुपये है। आईएसी में भारतीय औद्योगिक घरानों और लगभग 100 एमएसएमई द्वारा निर्मित अन्य उपकरणों के अलावा स्टील जैसी बड़ी संख्या में स्वदेशी सामग्री लगाई गई है।
इस वाहक के स्वदेशी निर्माण ने रोजगार के अवसर पैदा किए हैं और घरेलू अर्थव्यवस्था पर हल के प्रभाव को बढ़ाया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आईएसी के निर्माण के लिए प्रतिवर्ष करीब 2,000 शिपयार्ड और 13,000 गैर-यार्ड कर्मियों को नियुक्त किया गया है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और जहाज निर्माण में स्वदेशी क्षमताओं के विकास की दिशा में भारतीय नौसेना और कोचीन शिपयार्ड के प्रयासों की सराहना की।
(आईएएनएस)
Created On :   23 Dec 2021 12:30 AM IST