राष्ट्रपति ने नौसेना फ्लीट रिव्यू कार्यक्रम में शिरकत की

President attends Naval Fleet Review Program
राष्ट्रपति ने नौसेना फ्लीट रिव्यू कार्यक्रम में शिरकत की
12वें प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू कार्यक्रम राष्ट्रपति ने नौसेना फ्लीट रिव्यू कार्यक्रम में शिरकत की
हाईलाइट
  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा समुद्र की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण जरूरत है

डिजिटल डेस्क, विशाखापत्तनम। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को यहां 12वें प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू कार्यक्रम में 60 जहाजों,पनडुब्बियों और 55 विमानों वाले नौसेना बेड़े का निरीक्षण करते हुए कहा कि समुद्र की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण जरूरत है। राष्ट्रपति ने नौसेना बेड़े का निरीक्षण करने के बाद भारतीय नौसेना के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा भारतीय नौसेना की निरंतर सतर्कता,घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया और इस संबंध में अथक प्रयास अत्यधिक सफल रहे हैं।

यह बारहवां फ्लीट रिव्यू है और इसका इस लिहाज से भी महत्व है कि इसे भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें भारतीय नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों, विमानों और देश की समुद्री शक्ति के अन्य तत्वों की तैयारी की समीक्षा करने में प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा, जहाजों, विमानों और पनडुब्बियों का उत्कृष्ट प्रदर्शन राष्ट्र की समुद्री सेवाओं की पेशेवर क्षमता और ²ढ़ संकल्प को प्रदर्शित करता है।

यह परेड किसी भी तरह की आकस्मिकता के लिए भारतीय नौसेना की तैयारियों का प्रदर्शन करती है। उन्होंने यह भी कहा कि विजाग के नाम से जाना जाने वाला विशाखापत्तनम सदियों से एक महत्वपूर्ण बंदरगाह रहा है। ऐतिहासिक रूप से इसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वाणिज्य के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में जाना जाता है। प्राचीन समय से 21वीं सदी तक यह उद्योग और अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है।

उन्होंने इसके सामरिक महत्व को इस तथ्य से भी रेखांकित किया कि भारतीय नौसेना की पूर्वी नौसेना कमान का मुख्यालय यहां स्थित है। कोविंद ने 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान की नौसैनिक नाकाबंदी और उसकी पनडुब्बी गाजी को डुबोने में पूर्वी नौसेना कमान की वीरतापूर्ण कार्रवाई को याद करते हुए कहा विजाग ने 1971 के युद्ध के दौरान एक शानदार योगदान दिया।यह पाकिस्तान के लिए एक निर्णायक झटका था।

उन्होंने कहा1971 का युद्ध हमारे इतिहास की सबसे जोरदार जीत में से एक है। अधिकारियों और नाविकों, भारत महासागरों के सतत उपयोग के लिए सहकारी उपायों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास में विश्वास करता है। राष्ट्रपति ने कोविड-19 महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि नौसेना मिशन सागर और समुद्र सेतु के तहत दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फंसे भारतीय नागरिकों और विदेशी नागरिकों को दवाओं की आपूर्ति करके तथा मित्र देशों को सहायता प्रदान कर रही है।

राष्ट्रपति ने कहा कि संकट के समय में भारतीय नौसेना की त्वरित और प्रभावी तैनाती ने हिंद महासागर क्षेत्र में उसे पसंदीदा सुरक्षा भागीदार और प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता होने के भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित किया है। उन्होंने तेजी से आत्मनिर्भर बनने के लिए नौसेना के प्रयासों और मेक इन इंडिया पहल में नौसेना के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि देश भर में विभिन्न सार्वजनिक और निजी शिपयाडरें में निमार्णाधीन कई युद्धपोतों और पनडुब्बियों की 70 प्रतिशत सामग्री स्वदेशी है।

राष्ट्रपति ने कहा यह बहुत गर्व की बात है कि भारत ने परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण किया है और जल्द ही हमारी नौसेना में स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत विक्रांत शामिल हो जाएगा। मुझे पिछले साल दिसंबर में कोच्चि की अपनी यात्रा के दौरान विक्रांत का निरीक्षण करने में खुशी हुई थी। उन्होंने विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे अंतर संचालन प्रक्रिया, बेहतर विधियों से होने वाले लाभ, समान समझ विकसित करने तथा सामुद्रिक विषयों के बारे में आपसी विश्वास को बनाने में मदद मिलती है। उन्होंने नौसेना को आगामी बहुराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास-मिलन 2022 के लिए भी शुभकामनाएं दी। इस अभ्यास में 46 देशों के शामिल होने की उम्मीद है और इसमें उनके आक्रामक जहाज तथा प्रतिनिधिमंडल हिस्सा लेंगे।

(आईएएनएस)

Created On :   21 Feb 2022 12:30 PM GMT

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