कठुआ गैंगरेप: सांजी राम ने हत्या कबूली, बेटे को बचाने रची थी साजिश
डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ हुए गैंगरेप और मर्डर मामले में अहम खुलासा हुआ है। इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक सांजी राम ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि उसने रेप पीड़िता की हत्या उसके बेटे को बचाने के लिए की थी। बता दें कि 10 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में एक 8 साल की बच्ची अगवा हो गई थी। इस बच्ची के साथ कई दिनों तक रेप किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई थी।
सांजी राम के 4 दिन बाद मिली रेप की जानकारी
पुलिस के मुताबिक सांजी राम को 13 जनवरी को इस घटना की जानकारी मिली थी। ये बात सांजी राम को तब पता चली जब उसने "देवीस्थान" में पूजा करने के बाद उसके नाबालिग भतीजे को प्रसाद अपने घर ले जाने को कहा। सांजीराम का भतीजा इसमे आनाकानी करने लगा तो गुस्से में आकर सांजी राम ने उसकी पिटाई कर दी। भतीजे को लगा कि उसके चाचा को मंदिर में रेप करने वाली बात पता चल गई है। इसके बाद उसने खुद ही अपना गुनाह कबूल कर लिया। भतीजे ने उसके चाचा को बताया कि विशाल (सांजी राम का बेटा) और उसने दोनों ने मंदिर के अंदर लड़की से रेप किया।
बेटे को बचाने के लिए रची हत्या की साजिश
इस खुलासे के बाद सांजी राम को लगा कि लड़की को जिंदा रखना उसके बेटे विशाल के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। सांजी राम ने तय किया कि बच्ची को मार दिया जाना चाहिए, ताकि वह अपने बेटे तक पहुंचने वाले हर सुराग को मिटा सके। इसके बाद 14 जनवरी को सांजी राम ने बच्ची की हत्या कर दी। हालांकि योजना के मुताबिक सांजी राम बच्ची की लाश को तय स्थान पर फेंकने में कामयाब नहीं हो सका। योजना के मुताबिक लाश को वह हीरनगर नहर में फेंकना चाहता था, लेकिन जब गाड़ी का इंतजाम नहीं हो सका तो उसने लाश मंदिर के पास के ही जंगल में फेंक दी। बताया जाता है कि इस पूरी वारदात को अंजाम देने का एक मकसद घूमंतु समुदाय को वहां से भगाना भी था। सांजी राम के वकील अंकुर शर्मा से जब इस पूरे खुलासे को लेकर सवाल किया गया तो उसने इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया और कहा कि वह अपनी बचाव रणनीति नहीं बता सकते।
7 मई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
गैंगरेप और हत्या की इस वारदात की जांच सबीआई को सौंपने और सुनवाई को चंडीगढ़ में कराने की बच्ची के पिता की याचिका पर शनिवार को सुप्रीप कोर्ट ने विचार करने के बाद 7 मई को सुनवाई के लिए सूचिबद्ध किया है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड और न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा की पीठ ने कहा कि वह मुकदमा चंडीगढ़ स्थानांतरित करने के लिए पीड़ित के पिता की याचिका और इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए आरोपियों की याचिका पर सुनवाई करेगा।
क्या है पूरा मामला?
10 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले की हीरानगर तहसील के रसाना गांव से एक 8 साल की बच्ची अगवा हो गई थी। इस बच्ची के साथ कई दिनों तक रेप किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। गांव के जंगलों में बच्ची की लाश पड़ी मिली थी। जानकारी के मुताबिक, बच्ची को अगवा करके गांव के एक धार्मिक स्थल में रखा गया था, जहां उसे बार-बार नशा दिया और कई बार रेप किया गया। बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाने के बाद आरोपियों ने पहले बच्ची का गला घोंटा और बाद में उसके सिर पर पत्थर मार कर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने इस मामले में नाबालिग के अलावा सांजी राम, उसके बेटे विशाल और पांच अन्य को इस मामले में आरोपी बनाया है।
Created On :   27 April 2018 12:32 PM GMT