लालू यादव की सेवा के लिए सरेंडर कर जेल पहुंचे सहायक, पुलिस कर रही जांच
डिजिटल डेस्क, रांची। चारा घोटाले से जुड़े मामले में लालू प्रसाद यादव जेल में सजा काट रहे है। उनकी मुश्किलें और बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। दरअसल, चारा घोटाले से जुड़े एक और मामले में सुनावाई पूरी हो चुकी है और इस मामले में इसी महीने के अंत तक फैसला आ सकता है। सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि यह मामला चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार से जुड़ा है। आरोप है कि इस कोषागार से 35 करोड़, 62 लाख रुपए अवैध तरीके से निकाले गए थे।
वहीं एक दूसरी खबर भी आई है कि चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव के दो सहायक जेल में भी उनकी सेवा के लिए पहुंच चुके हैं। इन दोनों सहायकों ने एक फर्जी मामले में सरेंडर कर खुद को उसी दिन गिरफ्तार करवाया जिस दिन लालू को चारा घोटाले के लिए दोषी करार दिया गया। ये दावा पुलिस का है और फिलहाल मामले की जांच रही है। जानकारी के अनुसार, इन दोनों में एक का नाम मदन यादव है और दूसरे का नाम लक्ष्मण यादव है। मदन यादव दो गोशाला, एक घर और एसयूवी का मालिक है।
RJD प्रवक्ता शक्ति सिंह ने कहा जांच होनी चाहिए
वहीं लक्ष्मण यादव 10000 रुपए छीनने के आरोप में बिरसा मुंडा जेल में बंद है। इस मामले में कथित तौर पर उसकी मदद उसके दोस्त मदन यादव ने की है, जो खुद भी उसी जेल में बंद है। हालांकि आरजेडी इन दोनों को लालू का सहायक न मानते हुए पार्टी का कार्यकर्ता बता रही है। दोनों कथित कार्यकर्ताओं को लेकर आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव का कहना है कि पुलिस को इसकी जांच करनी चाहिए कि दोनों जेल कैसे गए। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद जी ने कभी किसी को उनके लिए जेल जाने के लिए नहीं कहा।
दोनों सहायक सरेंडर कर पहुंचे जेल
जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने इस घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि खुद को समाजवादी बताने वाले लालू प्रसाद आजाद भारत के सामंती सीमा को पार कर दिया। उन्होंने कहा कि अपनी सेवा के लिए बेगुनाहों को कसूरवार बनवा देना सामंतवाद नहीं तो और क्या है? वह तो सामंती सोच रखने वाले गरीबों के नेता होने का नाटक करते हैं। यह पहली बार नहीं जब लालू के लिए उनके सेवक किसी तरह से अपराध करके जेल पहुंच जाते है और उनकी सेवा में लग जाते हैं। इस एवज में लालू परिवार उनको मोटी रकम भी देता है। लालू यादव को जिस दिन चारा घोटाले में कोर्ट ने दोषी ठहराया था। उसी दिन मदन और लक्ष्मण, दोनों ही आरोपियों ने सरेंडर किया और बिरसा मुंडा जेल पहुंचा दिए गए।
इस जानकारी के बाद पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, मदन का सहयोगी लक्ष्मण भी पहले लालू का रसोइया रह चुका है। पुलिस अब 23 दिसंबर की इस कथित छिनैती की वारदात की जांच कर रही है।
Created On :   10 Jan 2018 8:18 AM IST