मुझे बोलने की सलाह देते थे, अब खुद भी उस पर अमल करें मोदी : मनमोहन सिंह

PM Narendra Modi should follow own advice to me says Manmohan Singh on Kathua Unnao Gangrape
मुझे बोलने की सलाह देते थे, अब खुद भी उस पर अमल करें मोदी : मनमोहन सिंह
मुझे बोलने की सलाह देते थे, अब खुद भी उस पर अमल करें मोदी : मनमोहन सिंह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के कठुआ और उत्तर प्रदेश के उन्नाव में हुई गैंगरेप की घटनाओं को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में मनमोहन सिंह ने कहा "पीएम मोदी मुझे बोलने की जो सलाह दिया करते थे, अब वो उन्हें खुद आजमानी चाहिए और ज्यादा बोलना चाहिए।" हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि कठुआ-उन्नाव गैंगरेप केस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कहा था, वो सुनकर खुशी हुई। 

मनमोहन सिंह ने और क्या कहा?

अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में मनमोहन सिंह ने कहा कि "मुझे खुशी है कि आखिरकार पीएम मोदी ने अपनी चुप्पी तोड़ी, लेकिन मुझे लगता है कि बोलने की जो सलाह वो मुझे दिया करते थे, वही उन्हें फॉलो करनी चाहिए और ज्यादा बोलना चाहिए। मुझे मीडिया के जरिए पता चला था कि वो मेरे न बोलने की आलोचना किया करते थे। मैं ये महसूस करता हूं कि जो सलाह वो मुझे दे रहे थे, उस पर उन्हें खुद अमल करना चाहिए।" इंटरव्यू में उनसे जब पूछा गया कि बीजेपी के नेता आपको "मौन मोहन सिंह" कहते थे, तो जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि "मैंने अपनी पूरी जिंदगी इस तरह के बयानों के साथ जी है।"

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महबूबा पर शायद बीजेपी का दबाव था

इंटरव्यू के दौरान मनमोहन सिंह ने कहा कि "दिल्ली में 2102 में हुए निर्भया कांड के बाद हमारी सरकार ने जरूरी कदम उठाए थे और बलात्कार के मामलों को लेकर कानून में बदलाव किया था।" जब उनसे कठुआ गैंगरेप केस के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि "इस मामले को जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबाब मुफ्ती को और ज्यादा सीरियस हैंडल करना चाहिए था। उन्हें शुरू से ही इस केस को अपने हाथ में रखना चाहिए था। अगर केस की शुरुआत में ही सीरियसनैस दिखाई जाती, तो आरोपियों को और जल्दी गिरफ्तार किया जा सकता था।" उन्होंने कहा कि "हो सकता है कि उन पर अपनी सहयोगी पार्टी बीजेपी का दबाव हो, खासकर ये देखते हुए कि बीजेपी के दो मंत्री बलात्कार के आरोपियों के समर्थन में आ गए थे, इसलिए एक्शन लेने में देरी हुई होगी।"

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गैगरेप की घटनाओं पर पीएम मोदी ने क्या कहा था?

कठुआ और उन्नाव रेप केस पर चुप्पी तोड़ते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि बेटियों को न्याय मिलेगा और अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था "जिस तरह की घटनाएं हमने बीते दिनों में देखीं हैं, वो सामाजिक न्याय की अवधारणा को चुनौती देती हैं। पिछले 2 दिनो से जो घटनाएं चर्चा में हैं वो निश्चित रूप से किसी भी सभ्य समाज के लिये शर्मनाक है। एक समाज के रूप में, एक देश के रूप में हम सब इस के लिए शर्मसार है।" उन्होंने कहा था "देश के किसी भी राज्य में, किसी भी क्षेत्र में होने वाली ऐसी वारदातें, हमारी मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देती हैं। मैं देश को विश्वास दिलाना चाहता हूँ की कोई अपराधी बचेगा नहीं, न्याय होगा और पूरा होगा। हमारे समाज की इस आंतरिक बुराई को खत्म करने का काम, हम सभी को मिलकर करना होगा।"

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क्या है कठुआ रेप-मर्डर केस?

दरअसल, 10 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले की हीरानगर तहसील के रसाना गांव से एक 8 साल की बच्ची अगवा हो गई थी। इस बच्ची के साथ कई दिनों तक रेप किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। गांव के जंगलों में बच्ची की लाश पड़ी मिली थी। क्राइम ब्रांच की चार्जशीट के मुताबिक, बच्ची को अगवा करके गांव के एक धार्मिक स्थल में रखा गया था, जहां उसे बार-बार नशा दिया और कई बार रेप किया गया। बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाने के बाद आरोपियों ने पहले बच्ची का गला घोंटा और बाद में उसके सिर पर पत्थर मार कर उसकी हत्या कर दी।

क्या है उन्नाव गैंगरेप केस?

उन्नाव गैंगरेप केस पिछले साल जून का है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के माखी गांव में रहने वाली एक नाबालिग लड़की को पिछले साल 4 जून को गांव से अगवा कर लिया गया था। इस मामले में पीड़िता और उसके परिवार ने गैंगरेप का आरोप बांगरमऊ सीट से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके साथियों पर लगाया। पीड़िता का आरोप है कि वो पिछले एक सालों से हर जगह दरवाजा खटखटा रही है, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। पीड़िता का कहना है कि जब उन्होंने आरोपी विधायक के खिलाफ शिकायत दर्ज करवानी चाही, तो उन्हें धमकाया गया और उल्टा उसके पिता पर ही झूठा केस लगा दिया गया। इसके बाद पीड़िता के पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और कथित तौर पर उसके पिता की मौत पुलिस कस्टडी में हो गई। जिसके बाद ये मामला और बढ़ गया। इतना ही नहीं पीड़िता और उसके परिवार ने सीएम योगी आदित्यनाथ के घर के बाहर जान देने की भी कोशिश की।

Created On :   18 April 2018 1:43 PM IST

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