पीएम मोदी ने पाकिस्तान को दिया खुला ऑफर! क्या इससे बदल सकते हैं पाक के हालात?
- इंडिया के पास 70 हजार से अधिक स्टार्ट अप हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में पड़ोसी देश पाकिस्तान को खुला ऑफर दे दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि इंडिया के पास 70 हजार से अधिक स्टार्ट अप हैं। ऐसे में इसका अनुभव एससीओ के सहयोगी देशों के काम आ सकता है। गौरतलब है कि पाकिस्तान इस सदी की सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है। वहां की अर्थव्यवस्था भी ध्वस्त हो चुकी है। भयंकर महंगाई व बेरोजगारी से लोग परेशान हैं। भुखमरी की कगार पर पाक की जनता आ खड़ी हुई है। ऐसे में पीएम मोदी के इस प्रस्ताव पर पाकिस्तान कितना अमल करेगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
पीएम मोदी ने पाक के सामने रखा प्रस्ताव
पीएम मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक को संबोधित करते हुए कहा है कि हम भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। भारत का युवा काफी शक्तिशाली है और हमें अधिक प्रतिस्पर्धी बनाता है। पीएम मोदी ने कहा कि इस साल भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है। जो विश्व की अर्थव्यवस्था में सबसे अधिक होगी। उन्होंने आगे कहा कि भारत सेंट्रिक डेवेलपमेंट मॉडल पर बहुत फोकस कर रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि हम हर क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। भारत में 70 हजार से ज्यादा स्टार्टअप हैं। जिसमें 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि हमारे ये अनुभव कई सदस्य देशों के काम आ सकते हैं। इसी को देखते हुए हमने एक नए स्पेशल वर्किंग ग्रुप ऑन स्टार्टअप एंड इनोवेशन की स्थापना की है। जो एससीओ के सदस्य देशों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं।
पाकिस्तान के बुरे हालात
पाकिस्तान इस वक्त दोहरी मार झेल रहा है। एक तरफ आर्थिक संकट तो दूसरी तरफ भयंकर बाढ़ से पाक के हालात बेहद खराब हैं। भारत का यह पड़ोसी देश कभी भी दिवालिया घोषित हो सकता है। पाकिस्तान के हालात ऐसे हैं कि लोग वहां दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं। सड़क पर खाने के लिए झगड़ने के वीडियो वायरल हो रहे हैं। ऐसे में पीएम मोदी के इस ऑफर को एक पड़ोसी देश की मदद के तौर पर पाकिस्तान लेता है या नहीं यह देखने वाली बात होगी।
खाद्य सुरक्षा से निपटने का दिया मंत्र
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान दुनिया को खाद्य संकट से निपटने का भी मंत्र दे दिया है। उन्होंने कहा है कि दुनिया अभी एक और चुनौती का सामना कर रही है। हमारे नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रमुख कार्य होना चाहिए। इसका समाधान मिलेट्स की (मोटे अनाज) खेती के जरिए हो सकता है। इसके उपभोग को बढ़ावा देना है।
गौरतलब है कि मिलेट्स एक ऐसा सुपरफूड है जो न सिर्फ एससीओ देशों में बल्कि विश्व के कई भागों में हजारों सालों से उगाया जा रहा है। यह खाद्य संकट से निपटने के लिए एक पारंपरिक और पोषक उपाय हो सकता है। साल 2023 को यूएन इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के रूप में मनाया जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि हमें एससीओ के तहत एक मिलेट्स फूड्स फेस्टिवल के लिए विचार करने की जरूरत है।
Created On :   16 Sept 2022 5:02 PM IST