कॉन्क्लेव में PM मोदी बोले- CAG को उत्प्रेरक के रूप में आगे आना जरूरी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में "ट्रांसफॉर्मिंग ऑडिट एंड एश्योरेंस इन ए डिजिटल वर्ल्ड" विषय पर गुरुवार को एक कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। कॉन्क्लेव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल वर्ल्ड में बदलते ऑडिट और बीमा पर अपने विचार व्यक्त किए। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि भारतीय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) को ना केवल आंकड़ों और कदमों तक ही सीमित रहना चाहिए बल्कि सुशासन के लिए उत्प्रेरक के रूप में आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि CAG वो दिग्गज हैं, जो आईना लेकर सरकारी व्यवस्थाओं के सामने खड़े हो जाते हैं और कमियों और गलतियों को बताते हैं।
LIVE: PM Modi addresses Conclave of Accountants General in New Delhi. https://t.co/h8mm9eX0oL
— BJP (@BJP4India) November 21, 2019
समाज में CAG की भूमिका
कॉन्क्लेव में CAG के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने CAG की भूमिका बताई। उन्होंने कहा कि "CAG की जिम्मेदारी इसलिए भी अधिक है क्योंकि आप देश और समाज के आर्थिक आचरण को पवित्र रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।" उन्होंने कहा कि "आज जब भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की आर्थिक ताकत बनने की ओर अग्रसर हो रहा है, उसमें भी आप सभी की भूमिका अहम है। क्योंकि इसका सीधा असर सरकार की कार्यक्षमता, डिसिजन मेकिंग और पॉलिसी मेकिंग पर पड़ेगा।"
PM Narendra Modi at Accountants General and Deputy Accountants General Conclave in Delhi: CAG ki zimmedari isliye bhi adhik hai kyunki aap desh aur samaj ke aarthik aachran ko pavitra rakhne mein ahaem bhoomika nibhate hain, aur isliye aapse ummeeden bhi adhik rehti hain pic.twitter.com/YTrEhMA8jz
— ANI (@ANI) November 21, 2019
डिजिटल इकोनॉमी का विकास कर रहा भारत
पीएम मोदी ने अपने भाषण में भारत की डिजिटल इकोनॉमी को दुनिया की लीडिंग डिजिटल इकोनॉमी देश बताया। उन्होंने कहा कि "भारत दुनिया की लीडिंग डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और हम तीव्र गति से डिजिटल बुनियादी ढांचे का विकास कर रहे हैं।" साथ ही उनहोंने बताया कि "डिजिटल व्यवस्था ने जनता और सरकार के बीच के संबंधों को मजबूत किया है और इसी डिजिटलाइजेशन के कारण सरकारी प्रक्रियाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।"
India is one of the world"s leading digital economies and we"re developing digital infrastructure at rapid pace.
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The digital arrangement has strengthened the relation between public and Govt and has had a positive effect on governmental procedures: PM Modi pic.twitter.com/U1CWNPURz0
साथ ही पीएम मोदी ने बताया कि "बीते कुछ सालों में सरकारी विभागों में फ्रॉड से निपटने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं। अब CAG को ऐसे टेक्निकल टूल्स डेवलप करने होंगे, जिससे संस्थानों में फ्रॉड के लिए कोई गुंजाइश न बच सके।" उन्होंने कहा कि हमें फ्रॉड्स को चुनौती देनी चाहिए, आंतरिक और बाहरी दोनों ऑडिटर्स को फ्रॉड पकड़ने के लिए नए तरीके खोजने की जरूरत है और इसी लिए हमें ऑडिटर्स के मूल मूल्यों को प्रोत्साहित करने की भी जरूरत है।
JAM और GeM का जिक्र
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान JAM (जनधन, आधार और मोबाइल) व GeM (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि "जनधन, आधार और मोबाइल से सामान्य मानवी को योजनाओं का लाभ डायरेक्ट पहुंच रहा है।" वहीं गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस के बारे में बताया कि "GeM के माध्यम से आज सरकार की 425 से ज्यादा स्कीम का लाभ लाभार्थियों तक पहुंच रहा है, जिसके कारण करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं।"
JAM- जनधन, आधार और मोबाइल से सामान्य मानवी को योजनाओं का लाभ डायरेक्ट पहुंच रहा है।
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और GeM - गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस के माध्यम से आज सरकार की सवा चार सौ से ज्यादा स्कीम का लाभ लाभार्थियों तक पहुंच रहा है।
इसके कारण करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बचे हैं: पीएम
साल 2022 का उद्देश्य
इसके बाद पीएम मोदी ने पॉलिसी मेकिंग की भी बात की। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि साल 2022 तक एविडेंस बेस्ड पॉलिसी मेकिंग को गवर्नेंस का अभिन्न हिस्सा बनाया जाए। यह नए भारत की नई पहचान बनाने में भी मदद करेगा। ऐसे में ऑडिट और एश्योरेंस सेक्टर के ट्रांसफॉर्मेशन के लिए भी यह सही दौर है और अब CAG को भी CAG 2.0 की तरफ बढ़ना होगा।
India must take the best global practices in sync with technology and instill that into its auditing system, while also working on India-specific tools.
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By 2022, we want to make evident-based policy-making an integral part of governance: PM Modi pic.twitter.com/qVYhcATKCK
उन्होंने कहा कि भारत को तकनीक के साथ-साथ तालमेल बैठाने के लिए सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं को अपनाना चाहिए और भारत-विशेष उपकरणों पर काम करते हुए अपने ऑडिटिंग सिस्टम में लाना होगा।
Created On :   21 Nov 2019 8:18 PM IST