नासिक: ऑक्सीजन लीक होने से 24 मरीजों की मौत, सीएम ने कहा- परिजन के आंसू कैसे पोंछू, बेहद दुखदायी घटना
- हालत सुधर रही थी
- पर ऑक्सीजन रुकते ही मौत
डिजिटल डेस्क, नासिक। महाराष्ट्र के नासिक से बेहद दर्दनाक खबर सामने आई है। यहां जाकिर हुसैन अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक लीक होने से करीब 30 मिनट के लिए सप्लाई रुकी रही। इसी दौरान वेंटिलेटर पर मौजूद 24 मरीजों ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। वहीं लगभग 30 मरीजों की हालत नाजुक बताई जा रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ऑक्सीजन टैंक से रिसाव के कारण मौत की घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने मृतक के परिजनों को प्रत्येक 5 लाख रुपए मदद की घोषणा की है। जबकि राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन का रिसाव किसी परिस्थिति में न होने देने के लिए हर बैठक में निर्देश दिए गए हैं, उसके बावजूद यह घटना कैसे हुई है। इसकी तत्काल जांच कर जिम्मेदारी निश्चित करने के निर्देश मुख्य सचिव सीताराम कुंटे को दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हादसे के लिए कोई जिम्मेदार होगा तो उसको छोड़ा नहीं जाएगा, लेकिन इस हादसे पर कोई राजनीति न करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक अस्पताल में ऑक्सीजन के भंडार को लेकर सावधानी बरती जाए। ऑक्सीजन का उचित उपयोग करते हुए मरीजों की मुश्किलें तत्काल दूर होनी चाहिए।
महाराष्ट्र शोकमग्न, दुख व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना से महाराष्ट्र शोकमग्न है। 22 मरीजों को जान गवानी पड़ी है। यह दुख व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। मृतकों के परिजन को कैसे सांत्वना दूं? उनके आंसू कैसे पोंछू? यह हादसा है फिर भी मृतकों के परिजन का दुख बड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की लड़ाई में कहीं पर ऑक्सीजन नहीं, कहीं पर दवाई और कहीं पर बिस्तर नहीं है। इससे मरीजों की मौत हो रही है। ऐसी स्थिति में अस्पताल की घटना पीड़ा देने वाली है।
दोषियों को दी जाएगी सजा - उपमुख्यमंत्री
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस घटना की उच्चस्तरीय जांच करके दोषियों को निश्चित रूप से सजा दी जाएगी। राज्य के सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति सुरक्षित और सुचारू रूप से शुरू रखने के लिए संबंधित मशीनरी को निर्देश दिए हैं।
भविष्य में न होने पाए ऐसी घटना- फडणवीस
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नाशिक के अस्पताल की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और पीड़ादायक है। फडणवीस ने कहा कि इस घटना की गहराई से जांच तो होगी लेकिन भविष्य में अन्य जगहों पर इस तरह की घटना न हो। इसके लिए सावधानी बरतनी चाहिए।
लीकेज बंद करने के लिए ऑक्सीजन सप्लाई रोकी
महानगरपालिका के आयुक्त कैलाश जाधव ने घटना और मरीजों की मौतों की पुष्टि की थी। हादसे की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं। जानकारी के मुताबिक नासिक के जाकिर हुसैन अस्पताल में वॉल्व खुला रहने की वजह से ऑक्सीजन लीक हो गई थी। लीकेज बंद करने के लिए अस्पताल में सप्लाई रोक दी गई। उस वक्त अस्पताल में 67 मरीज वेंटिलेटर पर थे। जिन्हें ऑक्सीजन मिलनी बंद हो गई। ऐसे में 11 मरीजों ने दम तोड़ दिया।
हादसे में जिन 22 मृतकों के नाम की पुष्टि हो चुकी है। उनमें अमदरदीप नगराले (74), श्रावण पाटील (67), मनशी शाह (36), पंढरीनाथ नेरकर (37), प्रमोद वालूकर (45), भैया सैयद (45), प्रवीण महाले (34), बापूसाहब घोटेकर (61), नारायण इरनक (73), संदीप लोखंडे (37), बुधा गोतरणे (69), सुनील झालके (33), भारती निकम (44), मोहना खैरनार (60), सलमा शेख (59), आशा शर्मा (45), सुगंधा थोरात (65), हरनाबाई त्रिभूवन (65), रजनी काले (61), गीता वाघचौरे (50), वत्सला सूर्यवंशी (70),वैशाली राऊत (46) का समावेश है।
महिला की हालत सुधर रही थी, ऑक्सीजन रुकते ही हुई मौत
इस घटना में एक महिला की भी मौत हुई है। उसके ससुर ने बताया कि 4 दिन पहले अस्पताल लेकर आए थे। हालात में लगातार सुधार हो रहा था। लेकिन ऑक्सीजन सप्लाई रुकते ही तबीयत खराब होने लगी और उसकी मौत हो गई।
मंत्री को मौतों की खबर नहीं
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने इस मामले में कहा है कि हमें नासिक में ऑक्सीजन लीकेज की जानकारी मिली है। मैं लगातार वहां के प्रशासन से संपर्क में हूं और जानकारी ले रहा हूं। मौतों के बारे में उन्होंने कोई बयान नहीं दिया।
Created On :   21 April 2021 3:19 PM IST