उप्र में 300 से ज्यादा लोगों को नोटिस, सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान का पैसा वसूलेगी सरकार
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ जिला प्रशासन ने संपत्ति की कुर्की के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान के संबंध में 300 से अधिक लोगों को कारण बताओ नोटिस दिए गए हैं। सीसीटीवी और हिंसा के वीडियो फुटेज के आधार पर पहचाने गए, लोगों को यह बताने के लिए कहा गया है कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की भरपाई के लिए उनकी संपत्ति को अटैच क्यों नहीं किया जाना चाहिए? यदि ये लोग यह समझाने में असमर्थ रहते हैं कि नुकसान के जिम्मेदार वह नहीं है तो उन्हें भुगतान करना होगा।
लखनऊ के जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक प्रकाश ने कहा, "अब तक 100 लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उन्हें अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए सात दिनों का समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि ये पूरी प्रक्रिया 30 दिनों में खत्म हो जाएगी जिसके बाद प्रॉपर्टी का अटैचमैंट शुरू होगा।
इसी तरह रामपुर में 28 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं, जिन्हें विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा के लिए चिन्हित किया गया है। अधिकारियों ने यहां 14.86 लाख रुपए की संपत्ति को नुकसान होने का अनुमान लगाया। रामपुर के जिला मजिस्ट्रेट आंजनेय कुमार सिंह ने कहा, "उन्हें जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया गया है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। विफल होने पर सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नष्ट करने के लिए उनसे पैसे वसूलने की कार्यवाही शुरू की जाएगी।"
इसी तरह मेरठ में संपत्ति के नुकसान के लिए 141 लोगों को दोषी ठहराया गया। जिला मजिस्ट्रेट अनिल ढींगरा ने कहा, "लिस्ट में और नाम जोड़े जा सकते हैं क्योंकि जांच अभी जारी है।"
गोरखपुर में, नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध के दौरान हिंसा में कथित रूप से शामिल 33 लोगों को पुलिस ने नोटिस भेजा है। पुलिस ने कहा कि 1,000 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों की तस्वीरें चिपका दी हैं और घोषणा की है कि सूचना देने वालों को सम्मानित किया जाएगा। अब तक 26 लोगों को जेल भेजा जा चुका है और कई अन्य को पुलिस की जारी तस्वीरों के आधार पर उठाया गया है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन लोगों को नोटिस दिए जा रहे हैं जो तो घर से भाग गए हैं।
संभल और बिजनौर जिलों में भी रिकवरी नोटिस जारी किए गए है। यहां सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मूल्य क्रमशः 15 लाख रुपये और 19.7 लाख रुपये आंका गया है। संभल के जिला प्रशासन ने 26 लोगों को नोटिस जारी किए, जबकि बिजनौर के नेहटौर शहर में 19.7 लाख रुपये की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले 43 उपद्रवियों को नोटिस जारी किए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि 2010 के हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर नोटिस दिए गए है। हाईकोर्ट का ये आदेश राज्य सरकार को हिंसक आंदोलन करने वाले लोगों की संपत्ति के नुकसान की भरपाई करने के अधिकार देता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाईकोर्ट के फैसले के प्रावधानों के अनुसार उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए जाने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है।
19 दिसंबर को, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि नागरिकता कानून के विरोध के दौरान संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों से ही नुकसान की भरपाई की जाएगी।
Created On :   25 Dec 2019 10:10 PM IST