बूस्टर डोज और बच्चों के लिए वैक्सीन को लेकर अस्पष्टता पर विपक्ष ने केंद्र पर साधा निशाना
- वैक्सीन प्रमाणपत्रों में प्रधानमंत्री की प्रदर्शित तस्वीर बनी चर्चा का विषय
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । विपक्षी दलों ने गुरुवार को कथित कोविड कुप्रबंधन, बूस्टर खुराक और बच्चों के लिए टीकों पर स्पष्टता की कमी के लिए सरकार पर तंज कसा। निचले सदन में कोविड -19 महामारी और संबंधित मुद्दों पर 11 घंटे से अधिक की बहस में सदस्यों ने महामारी के विभिन्न पहलुओं को उठाया। इस मुद्दे पर कुल 74 सदस्यों ने बात की।
बहस में भाग लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद शताब्दी रॉय ने स्कूल बंद होने के दौरान गरीब बच्चों को प्रभावित करने वाले डिजिटल विभाजन के मुद्दों को उठाया। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या कोविड -19 वैक्सीन प्रमाणपत्रों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर प्रदर्शित करना महत्वपूर्ण था। कांग्रेस सांसद गीता कोरा ने कहा कि जिस समय हम सदन में कोविड-19 पर चर्चा कर रहे हैं, हमारे देश में एक और वैरिएंट पहुंच गया है। उन्होंने पूछा सरकार आने वाली लहर से निपटने के लिए क्या कदम उठा रही है।
एक अन्य कांग्रेस सांसद सुरेश कोडिकुन्निल ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित 20,00,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पैकेज एक सांख्यिकीय सर्कस था। इसने सकल घरेलू उत्पाद का 10 प्रतिशत होने का दावा किया था। उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए सीधे नकद हस्तांतरण के लिए भी कोई प्रावधान नहीं किया गया था। इसके अलावा कोडिकुन्निल ने मांग की कि आशा कार्यकर्ता जो महामारी के दौरान फ्रंटलाइन योद्धा साबित हुई है, को स्वास्थ्य विभाग में नियुक्त किया जाना चाहिए।
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि भारत अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ओमिक्रॉन वैरिएंट का मुकाबला करने के लिए तैयार है। पाल ने कहा कि हमारे पास केवल नेशनल वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट (एनआईवी) पुणे था। जहां हमने कोरोनोवायरस परीक्षण के लिए सभी नमूने भेज है। आज आप ब्लॉक या जिला स्तर पर आरटी-पीसीआर परीक्षण करवा सकते हैं।
विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पूछा कि जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 26 नवंबर को नए कोरोनावायरस वैरिएंट को खतरनाक घोषित किया तो इस आसन्न खतरे से निपटने के लिए सरकार का रोडमैप क्या था।
उन्होंने सरकार से सभी वयस्क आबादी का टीकाकरण करने के अपने रोडमैप के बारे में पूछा और बच्चों का टीकाकरण कब किया जाएगा, यह भी पूछा। भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि महामारी से निपटने के लिए राजनीति नहीं होनी चाहिए और उन्होंने कोविड-19 के खिलाफ देश की लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्रिय नेतृत्व की प्रशंसा की।
एक अन्य भाजपा सदस्य राजीव प्रताप रूडी ने बताया कि कैसे देश को कोविड-19 से निपटने के लिए आइसोलेशन वार्ड, आईसीयू बेड और अन्य उपकरणों से लैस किया गया है। रूडी ने यह स्वीकार करते हुए कि ओमिक्रॉन चिंता का विषय है। सरकार चुनौती से निपटने के लिए पर्याप्त उपाय कर रही है। लोकसभा के 74 सदस्यों में से असदुद्दीन ओवैसी, हनुमान बेनीवाल, राहुल रमेश शेवले, सौगत रॉय, सुप्रिया सुले, रितेश पांडे, नवनीत राणा मोहुआ मोइत्रा जैसे सांसदों ने बहस में भाग लिया।
(आईएएनएस)
Created On :   3 Dec 2021 9:30 AM IST