राज्यसभा में विपक्षी नेताओं ने सीवर सफाई कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक रोजगार पर दिया जोर

Opposition leaders in Rajya Sabha emphasize on alternative employment for sewer cleaning workers
राज्यसभा में विपक्षी नेताओं ने सीवर सफाई कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक रोजगार पर दिया जोर
नई दिल्ली राज्यसभा में विपक्षी नेताओं ने सीवर सफाई कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक रोजगार पर दिया जोर
हाईलाइट
  • निजी ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा में वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को सरकार से मैनुअल तरीके से सफाई (सीवर या सेप्टिक टैंक की सफाई) करने वालों को वैकल्पिक रोजगार मुहैया कराने की मांग करते हुए निजी ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की, जो उन्हें अवैध रूप से काम पर रखते हैं।

शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने कहा कि हाल ही में मैनुअल तरीके से सफाई के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई और उन्हें बचाने के लिए अंदर (सीवरेज) गए एक व्यक्ति की भी जान चली गई। बच्चन ने कहा, मैनुअल स्कैवेंजर्स रिहैबिलिटेशन एक्ट 2013, उन सभी प्रकार के रोजगार की अनुमति नहीं देता है जो मैन्युअल रूप से मानव मल को हटाने की प्रक्रिया को शामिल करते हैं। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के आंकड़ों के अनुसार, देश में हर दो दिनों में एक मैनुअल मैला ढोने वाले की मृत्यु हो जाती है। अब तक, पिछले दो वर्षों में 1,470 मैनुअल तरीके से सफाई करने वालों ने अपनी जान गंवाई है।

उन्होंने कहा, यह उचित पुनर्वास की कमी के कारण हुआ है और वे बहुत ही अमानवीय स्थिति में कम वेतन के लिए हाथ से मैला ढोने के काम पर लौटने को मजबूर हैं। उन्होंने आगे कहा, इसलिए, उनके लिए वैकल्पिक अवसर प्रदान करना आवश्यक है। इस मुद्दे पर बोलते हुए द्रमुक विधायक टी. शिवा ने कहा कि 10 मार्च को मुंबई में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान तीन सफाई कर्मचारियों की मौत हो गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि इसकी अनुमति नहीं देने वाला कानून होने के बावजूद निजी ठेकेदार उन्हें काम पर रखते हैं, इसलिए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

शिवा ने यह भी कहा कि ये लोग बिना किसी सुरक्षा उपकरण के सीवर या सेप्टिक टैंक में जाते हैं और जहरीली गैस के कारण इनकी मौत हो जाती है। उन्होंने आगे कहा, इन दुर्घटनाओं को रोकने में विफल रहने वाली कानून लागू करने वाली एजेंसी के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। सदन के अन्य सदस्यों ने भी इस मुद्दे पर जोर दिया।

 

(आईएएनएस)

Created On :   6 April 2022 3:00 PM IST

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