‘शहीदी जोर मेला' में खुलेआम बेची जा रही आतंकी को हीरो बताने वाली मैगजीन
डिजिटल डेस्क, फतेहगढ़ साहिब। हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर आतंकी बुरहान वानी अब तक केवल कुछ कश्मीरियों का हीरो था, लेकिन अब बुराहन कट्टरपंथी सिख संगठनों का भी हीरो बन गया है। कश्मीर में मारे गए आतंकी बुरहान वानी को एक मैगेजीन ने कट्टरपंथी सिख संगठनों का हीरो बताया था। इस मामले मे सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि अब ये मैगजीन खुलेआम फतेहगढ़ साहिब के प्रसिद्ध ‘शहीदी जोर मेला’ में बेची जा रही है।
बुरहान पर दो लेख
खालिस्तान समर्थक पत्रिका ‘वंगार’ (चुनौती) के अगस्त 2016 के अंक के कवर पेज पर बुरहान वानी को जगह दी गई है। 42 पृष्ठों की इस पत्रिका में बुरहान वानी पर दो लेख हैं। दल खालसा के गजिंदर सिंह का इस पत्रिका में एक लेख है। माना जाता है कि वह इन दिनों पाकिस्तान में है। वहीं दूसरा लेख खालिस्तान समर्थक बलजीत सिंह खालसा ने लिखा है। इस पत्रिका में ‘आजादी पर विशेष संदेश’ पर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या में दोषी करार जगतार सिंह हावरा ने लेख लिखा है। वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है।
स्टॉल की निगरानी
शहीदी जोर मेला में लगे स्टॉल की निगरानी शिरोमणि अकाली दल के समर्थक कर रहे है। ये स्टॉल रउजा शरीफ के पास लगाया गया है। स्टॉल पर जरनैल भिंडरावाले समेत कई खालिस्तानी आतंकियों से जुड़े स्टीकर और बैच भी बेचे जा रहे है। इस मामले में बुक स्टॉल संचालक का कहना है कि ‘मैं सिर्फ किताबें और पत्रिकाएं बेच रहा हूं। इसमें क्या गलत है? यहां तक कि पुलिस भी हमें कुछ नहीं कह रही है, क्योंकि हम किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं।’
शहादत की याद में मेला
सोमवार से शुरू हुआ ये मेला 27 दिसंबर तक चलेगा। मेले में दस लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है। दसवें सिख गुरु गोबिंद सिंह के बेटे साहिबजादा बाबा जोरावर सिंह और साहिबजादा बाबा फतेह सिंह की शहादत की याद में इस मेले का आयोजन किया जाता है।
इनका कहना
फिरोजपुर के रहने वाले स्वरंजीत सिंह जिन्होंने इस पत्रिका को खरीदा है, कहते है कि जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी है उनके बारे में पढ़ना गलत नहीं है। सिंह ने कहा कि न्यूज ने मैने बुरहान वानी के बारे में सुना था, इसीलिए मैने ये पत्रिका खरीदी है।
वहीं SSP अलका मीणा ने कहा कि उन्हें इस बारे में फिलहाल कोई भी जानकारी नहीं है। उन्हें नहीं पता है कि जोर मेला में इस तरह की पत्रिका बेची जा रही है। डेप्यूटी कमिशनर कनवलप्रीत कौर ने कहा कि जो भी चीज राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरा होगी उसपर रोक लगाई जाएगी। उन्होंने इस मामले में जांच की बात कही।
इन्होंने बताया था शहीद
इससे पहले आतंकी बुरहान वानी की वकालत जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और एनसी प्रमुख उमर अब्दुल्ला की पार्टी के नेता ने भी की थी। नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक अब्दुल माजिद लारमी ने आतंकी बुरहान वानी को शहीद बताया था। अपने विवादास्पद बयान में उन्होंने कहा था, "कश्मीर में मारे गए सभी आतंकी और हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी सहित सभी लोग "शहीद" है।" वहीं जनवरी, 2017 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक शौकत हुसैन ने बुरहान भी बुरहान वानी को शहीद बता चुके है।
Created On :   26 Dec 2017 11:32 AM IST