रायसीना बंगाली स्कूल की नीलामी के खिलाफ याचिका पर दिल्ली सरकार, आरबीआई को नोटिस

Notice to Delhi government, RBI on petition against auction of Raisina Bengali School
रायसीना बंगाली स्कूल की नीलामी के खिलाफ याचिका पर दिल्ली सरकार, आरबीआई को नोटिस
दिल्ली उच्च न्यायालय रायसीना बंगाली स्कूल की नीलामी के खिलाफ याचिका पर दिल्ली सरकार, आरबीआई को नोटिस
हाईलाइट
  • नीलामी से लगभग 900 छात्र
  • शिक्षक और अन्य स्टाफ सदस्य प्रभावित होंगे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को यहां के सीआर पार्क में सरकारी सहायता प्राप्त रायसीना बंगाली स्कूल की नीलामी के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका पर दिल्ली सरकार और आरबीआई को नोटिस जारी किया। याचिका में कहा गया है कि नीलामी से लगभग 900 छात्र, शिक्षक और अन्य स्टाफ सदस्य प्रभावित होंगे।

मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता खगेश बी. झा द्वारा दायर जनहित याचिका पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया। यह यचिका एक गैर सरकारी संगठन सभी के लिए न्याय की ओर से दायर की गई है।

याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता को ऋण न चुकाने पर 1985 में स्थापित रायसीना बंगाली स्कूल की नीलामी के बारे में एक समाचार रिपोर्ट से जानकारी मिली, तो काफी हैरानी हुई। ऋण वसूली न्यायाधिकरण ने नीलामी का आदेश 11 नवंबर को दिया था।

याचिका में कहा गया है कि एएसआरईसी इंडिया बनाम रायसीना बंगाली स्कूल की संपत्ति की ई-नीलामी 81 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य पर करने का निर्देश दिया गया है, जिससे न केवल मौजूदा छात्रों, बल्कि इलाके के अन्य संभावित छात्रों की शिक्षा में बाधा उत्पन्न होगी। इससे संविधान के अनुच्छेद 21ए के तहत छात्रों को मिले अधिकारों का हनन होगा।

याचिकाकर्ता की जनहित याचिका न तो सरकार के खिलाफ है और न ही किसी निजी स्कूल के खिलाफ है, बल्कि छात्रों के अधिकार की रक्षा के लिए अदालत से हस्तक्षेप की मांग की गई है।

याचिकाकर्ता ने जनहित में कई रिट याचिकाएं दायर की हैं और इस अदालत ने ज्यादातर मामलों में ईडब्ल्यूएस/डीजी श्रेणी के बच्चों के हित में उनके दखिले के मामले में और उनके अधिकारों के लिए भी ऐतिहासिक निर्णय पारित किए हैं।

मौजूदा रिट याचिका का मकसद बैंक की ओर से स्कूल की लीजहोल्ड भूमि को गिरवी रखने में गंभीर त्रुटि को सामने लाना भी है।

जनहित याचिका के अनुसार, स्कूल की जमीन सार्वजनिक भूमि है और यहां तक कि सरफेसी अधिनियम, 2002 के तहत सुरक्षित भी है।

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) दिल्ली सरकार के उपयोगकर्ता विभाग की सहमति के बिना किसी को भूखंड आवंटित नहीं कर सकता और लीज को बदल नहीं सकता।

लीज डीड में एनओसी के प्रावधान को जोड़े बिना और वैधानिक प्रावधानों के विपरीत एनओसी जारी किए बिना भूमि का उपयोग गैरकानूनी है।

याचिका के मुताबिक, ऋण चुकाने में विफलता के मामले में भले ही बैंक संपत्ति बेच दे और शेष राशि डीडीए को प्राप्त हो, लेकिन भूमि उपयोग को सीधे नहीं बदला जा सकता।

स्कूल के भूखंड को अगर वाणिज्यिक मॉल, होटल या मल्टीप्लेक्स के लिए भूखंड में बदल दिया जाएगा, तो शहर के आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे के शिक्षा के मूल अधिकार से वंचित हो जाएंगे।

(आईएएनएस)

Created On :   10 Jan 2022 6:30 PM IST

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