जम्मू-कश्मीर: सीमापार से फिर ना'पाक' हरकत, सीजफायर के उल्लंघन में गोली लगने से 65 वर्षीय महिला की मौत, एक घायल
- आईबी पर पाकिस्तान ने सात घंटे बरसाए गोले
- पाकिस्तान ने पुंछ जिले के बालाकोट और मेंधर सेक्टरों में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया
- बालाकोट तहसील के एक गांव में एक महिला की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में LOC पर पाकिस्तान ने एक बार फिर ना"पाक" हरकत की है। पुंछ और मेंधर सेक्टरों में पाकिस्तानी सेना की ओर से लगातार फायरिंग की जा रही है। इस फायरिंग में आज (बुधवार, 8 जुलाई) एक 65 साल की एक महिला की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि एक शख्स घायल हो गया। घायल को स्थानीय अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया और उन्हें राजौरी अस्पताल में रेफर कर दिया।
Jammu and Kashmir: One civilian killed, another injured in ceasefire violation by Pakistan in Balakote sector in Poonch district.
— ANI (@ANI) July 8, 2020
IB पर पाकिस्तान ने सात घंटे बरसाए गोले
बता दें कि इससे पहले भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर कठुआ के हीरानगर में पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन कर सोमवार रात साढ़े 10 से मंगलवार सुबह पांच बजे तक भारतीय क्षेत्र में गोलाबारी की। पाकिस्तान 25 चिनाब रेंजर्स ने पप्पू चेक और जगुवाल पोस्ट से बीएसएफ की चांदवा और कोठा पोस्ट को निशाना बनाया। करीब 7 घंटे की गोलाबारी में पाकिस्तानी सेना ने मोर्टार और अन्य हथियारों से गोले दागकर रिहायशी इलाकों को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। सीमा पर चल रहे सुरक्षा बांध के काम को बाधित करने के लिए पाकिस्तान लगातार गोलाबारी कर रहा है। सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने भी पाकिस्तानी सेना की इस नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया। हालांकि, इस गोलाबारी में किसी भी प्रकार के जानमाल का नुकसान होने की सूचना नहीं है।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद बढ़े सीजफायर के उल्लंघन के मामले
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल पांच अगस्त जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के बाद से पाकिस्तान लगातार एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है। 2019 की पहली छमाही में संघर्ष विराम उल्लंघन का आंकड़ा 3,168 था। इस दौरान जनवरी में 203 संघर्ष विराम उल्लंघन हुए थे, जबकि फरवरी में 215, मार्च में 267, अप्रैल में 234, मई में 221 और जून में 181 संघर्ष विराम उल्लंघन दर्ज किए गए थे। इसके बाद अगस्त में संघर्ष विराम उल्लंघन के 307 मामले सामने आए। सितंबर में यह आंकड़ा 292 था और अक्टूबर में अचानक गोलीबारी बढ़ गई और संघर्ष विराम का आंकड़ा बढ़कर 351 हो गया। नवंबर में इसकी संख्या 304 और दिसंबर में 297 थी। वहीं 2018 में लगभग 1,629 संघर्ष विराम की घटनाएं देखी गईं थीं।
इस साल अब तक 2,324 बार सीमा पार से गोलीबारी
एक तरफ भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सेना के सामने गंभीर स्थिति में है और इसी बीच इसे पाकिस्तानी सेना की तरफ से सीमा पर लगातार संघर्षविराम उल्लंघन का सामना करना पड़ रहा है। जून में संघर्ष विराम उल्लंघन के कुल 411 मामले सामने आए। मई में संघर्ष विराम उल्लंघन के 382, अप्रैल में 387, मार्च में 411, फरवरी में 366 और जनवरी में कुल 367 संघर्ष विराम उल्लंघन हुए हैं।
Created On :   8 July 2020 10:26 AM IST