नीतीश कटारा मर्डर केस : दिल्ली हाईकोर्ट ने विशाल यादव की पैरोल की मांग खारिज की

Nitish Katara Murder Case: Delhi High Court rejected Vishal Yadavs demand for parole
नीतीश कटारा मर्डर केस : दिल्ली हाईकोर्ट ने विशाल यादव की पैरोल की मांग खारिज की
दिल्ली नीतीश कटारा मर्डर केस : दिल्ली हाईकोर्ट ने विशाल यादव की पैरोल की मांग खारिज की
हाईलाइट
  • नियमित पैरोल पर रिहा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी विशाल यादव की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल करने के लिए नियमित पैरोल की मांग की गई थी।

कटारा की 17 फरवरी, 2002 को गाजियाबाद में हत्या कर दी गई थी। यादव ने पिछले साल मार्च में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति अनीश दयाल की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध याचिका को विस्तार से सुनवाई के बाद खारिज कर दिया गया।

विशाल यादव बनाम यूपी राज्य सरकार शीर्षक वाले एक मामले में फैसले के खिलाफ एक आपराधिक अपील में उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत के समक्ष एक एसपीएल दाखिल करने के लिए यादव ने अधिकारियों को निर्देश देने का आदेश मांगा था। उसे चार सप्ताह की अवधि के लिए नियमित पैरोल पर रिहा करने के लिए।

भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत कवि नगर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उच्च न्यायालय ने दोषसिद्धि और सजा में वृद्धि को बरकरार रखा। उन्होंने याचिकाकर्ता को नियमित पैरोल खारिज करने वाले सक्षम प्राधिकारी द्वारा पारित 26 नवंबर, 2021 के आदेश को रद्द करने की भी मांग की।

याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील के अनुसार, पैरोल के लिए आधारों में से एक आधार इस आधार पर मांगा जा सकता है कि याचिकाकर्ता सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अपना एसएलपी दाखिल करना चाहता है और 2010 के पैरोल दिशानिर्देशों के अनुसार, याचिकाकर्ता ने पैरोल के लिए आवश्यकताओं को पूरा किया है।

हालांकि, अतिरिक्त स्थायी वकील (एएससी) ने यह दावा करते हुए इसका खंडन किया कि एसएलपी दाखिल करने का अवसर पहले भी दिया गया था और इस अदालत ने 30 मई, 2014 और 20 अप्रैल, 2018 के दो आदेशों के माध्यम से इसे ध्यान में रखा था।

याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि उसे पैरोल नहीं दी जा सकती, अदालत के पहले के फैसलों और इस तथ्य का हवाला देते हुए कि याचिकाकर्ता को बिना छूट के सजा सुनाई गई थी। विशाल के चचेरे भाई विकास यादव सहित अन्य को भी इसी मामले में दोषी ठहराया गया था।

 

आईएएनएस

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Created On :   3 May 2023 1:00 AM IST

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