निर्भया केसः अदालत ने दोषी विनय की याचिका खारिज की, पीड़िता की मां बोलीं- फांसी टालने की चाल थी
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- दोषी पवन ने अपने सरकारी सलाहकार से मिलने से किया इनकार
- सरकारी वकील बोले- दोषी का कोई मेडिकल इतिहास नहीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषी विनय शर्मा की याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि तिहाड़ जेल की रिपोर्ट के मुताबिक दोषी विनय शर्मा की दिमागी हालत ठीक है। उसके दिमाग का इलाज कराने की जरूरत नहीं है। पटियाला हाउस कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से निर्भया के सभी दोषियों को मेडिकल सुविधा मुहैया कराना सुनिश्चित करने को भी कहा है।
2012 दिल्ली गैंगरेप मामले की सुनवाई के दौरान अदालत-"मौत की सजा के मामले में चिंता और डिप्रेशन सामान्य है। निस्संदेह दोषी को पर्याप्त चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक मदद मुहैया कराई गई है।" https://t.co/sJU9Taa8gH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 22, 2020
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मौत की सजा के मामले में चिंता और डिप्रेशन सामान्य है। निस्संदेह दोषी को पर्याप्त चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक मदद मुहैया कराई गई है। आरोपी ने अपनी अर्जी में दावा करते हुए कहा था कि मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया और सिर व हाथ की चोटों के लिए उसे बेहतर इलाज की जरूरत है। दोषी विनय शर्मा की ओर से एक आवेदन में मानसिक बीमारी के उच्च स्तरीय उपचार के लिए उसे दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड अलाइड साइंसेज (IHBAS) में स्थानांतरित करने के लिए एक दिशा-निर्देश की मांग की थी।
बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में विनय शर्मा ने जेल की दीवार में सिर मारकर खुद को घायल कर लिया था। उसने इसके लिए भी उपचार की मांग की थी। विनय के सभी कानूनी उपचार समाप्त हो चुके हैं। तीन अन्य दोषियों सहित उसे 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी होनी है। दोषियों में से एक पवन ने अभी तक अपने कानूनी उपायों का इस्तेमाल नहीं किया है।
दोषियों की केस को डिले करने की चाल थी
कोर्ट के फैसले के बाद पीड़िता की मां ने मीडिया से कहा कि दोषियों का इलाज करवाने जैसा कुछ नहीं था, ये सिर्फ केस को डिले करने की चाल थी। 7 साल बाद आज इन लोगों को कोर्ट में अपनी पत्नी, बहन, मां की याद आ गई। वो बच्ची भी किसी की बहन-बेटी थी। मैं भी किसी की बेटी और पत्नी हूं, 7 साल से कोर्ट के धक्के खा रही हूं। मुझे सिर्फ इंसाफ चाहिए।
2012 दिल्ली गैंगरेप पीड़िता की मां आशा देवी:उनके(दोषी)इलाज का कुछ नहीं था। वो सिर्फ केस को डिले करने की कोशिश थी। 7साल बाद आज इन लोगों को कोर्ट में अपनी पत्नी, बहन, मां की याद आई। वो बच्ची भी किसी की बहन-बेटी थी मैं भी किसी की बेटी और पत्नी हूं, 7साल से कोर्ट के धक्के खा रही हूं। pic.twitter.com/lgy7YpMGVg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 22, 2020
सरकारी वकील बोले- दोषी का कोई मेडिकल इतिहास नहीं
शनिवार को दोषी विनय शर्मा की याचिका पर सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल के वकील इरफान अहमद ने विनय की मेडिकल रिपोर्ट अदालत को सौंपी। इरफान अहमद ने बताया कि दोषी विनय ने खुद जेल की दीवारों पर अपना सिर पटका था जिसके तुरंत बाद उसका इलाज तिहाड़ के डॉक्टरों ने किया था। तिहाड़ ने इस मामले में सीसीटीवी फुटेज भी अदालत को सौंपी है।तिहाड़ के वकील इरफान ने अदालत को बताया कि विनय की मानसिक अस्थिरता की कोई पुरानी मेडिकल हिस्ट्री नहीं है, जैसा विनय के वकील एपी सिंह ने बताया है। इरफान अहमद ने कोर्ट को ये भी बताया कि दोषी विनय ने हाल ही में अपनी और वकील को दो फोन किए थे, तो क्यों उसके वकील यह दावा कर रहे हैं कि वह अपनी मां को भी नहीं पहचान पा रहा है?
दोषी पवन ने अपने सरकारी सलाहकार से मिलने से किया इनकार
वहीं निर्भया के दोषी पवन गुप्ता ने अपने नए कानूनी सलाहकार रवि काजी से मिलने इनकार कर दिया है। एपी सिंह के केस छोड़ने के बाद अदालत ने रवि काजी को पवन का वकील नियुक्त किया था। चारों दोषियों में पवन गुप्ता ही ऐसा है, जिसके पास अब भी क्यूरेटिव पिटिशन और दया याचिका के दो कानूनी विकल्प बचे हैं। अब पवन के इनकार के बाद यह मामला थोड़ा फंस गया है। पवन ने डेथ वारंट जारी होने के बाद से अपने वकील रवि काजी से कोई संपर्क नहीं किया है। इन दोनों के बीच बचे हुए कानूनी विकल्पों के इस्तेमाल को लेकर कोई बात नहीं हुई है। अगर आगे भी पवन अपने बचे विकल्पों को इस्तेमाल नहीं करता है तो उसे तीन मार्च को सुबह 6 बजे फांसी लगना तय है।
3 मार्च को होगी फांसी
बता दें कि अदालत ने 17 फरवरी को तीसरी बार डेथ वारंट जारी करते हुए निर्भया के चारों दोषियों विनय सहित मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय कुमार को तीन मार्च की सुबह छह बजे फांसी देने का आदेश दिया था।
Created On :   22 Feb 2020 6:35 PM IST