राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने पंजाब सरकार को दिया निर्देश, ग्रामीणों को बेदखल न किया जाए
- 1947 से गांव में 200 एकड़ जमीन पर ग्रामीणों का कब्जा रहा
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के अध्यक्ष विजय सांपला ने लुधियाना जिले में आजादी के बाद से रह रहे अनुसूचित जाति के निवासियों के खिलाफ निष्कासन (बेदखल) के आदेश जारी करने के पंजाब सरकार के फैसले पर संज्ञान लेते हुए बुधवार को एक नोटिस जारी किया। उन्होंने राज्य से 15 दिनों में जवाब देने को कहा है।
इसके अलावा, एनसीएससी ने सरकार से निष्कासन अभियान को रोकने और यथास्थिति बनाए रखने के लिए भी कहा है। भामा कलां गांव के निवासियों ने एनसीएससी को दी शिकायत में कहा है कि 1947 से गांव में 200 एकड़ जमीन पर उनका कब्जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा, 1947 से, हम कृषि और आवासीय उद्देश्यों के लिए भूमि का उपयोग कर रहे हैं। हमारे पास बिजली और पानी के कनेक्शन हैं, इसके अलावा इन पतों पर अन्य सरकारी पहचान वाले दस्तावेज भी हैं।
उन्होंने शिकायत करते हुए कहा, लेकिन अब, सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी सरकार हमें तुरंत जमीन खाली करने के लिए कह रही है। यह उचित नहीं है, क्योंकि बच्चों को स्थानीय स्कूल में जाना पड़ता है। हम जमीन खाली नहीं कर सकते हैं और अपने बुजुर्ग परिजनों को स्थानांतरित नहीं कर सकते हैं, खासकर जो लोग अस्वस्थ हैं। हम एनसीएससी से अनुरोध करते हैं कि कृपया हमारी मदद करें और हमारी जमीन की रक्षा करें।
हालांकि, आयोग की प्रक्रियाओं के नियमों के प्रासंगिक खंड (7) को लागू करते हुए, एनसीएससी ने राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, लुधियाना के उपायुक्त और एसएसपी को मामला लंबित रहने तक यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा है। एनसीएससी ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि किसी भी अनुसूचित जाति के व्यक्ति को भूमि खाली करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए और अगर ऐसा पाया जाता है, तो आयोग समय-समय पर संशोधित अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के अनुसार दोषी अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करेगा।
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Created On :   18 May 2022 10:00 PM IST