NaMo TV पर क्या है विवाद, क्या है डीटीएच चैनलों के लिए कानून, पढ़िए यहां

NaMo TV and the laws for DTH channels explained
NaMo TV पर क्या है विवाद, क्या है डीटीएच चैनलों के लिए कानून, पढ़िए यहां
NaMo TV पर क्या है विवाद, क्या है डीटीएच चैनलों के लिए कानून, पढ़िए यहां
हाईलाइट
  • पिछले हफ्ते सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने चुनाव आयोग को जवाब दिया था कि NaMo टीवी उसके दायरे में नहीं आता है।
  • आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव आयोग में इसकी शिकायत भी की थी।
  • चुनाव के मौसम में नया चैनल NaMo TV लॉन्चिंग के बाद से ही विवादों में है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चुनाव के मौसम में नया चैनल नमो टीवी (NaMo TV) लॉन्चिंग के बाद से ही विवादों में है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव आयोग में इसकी शिकायत भी की थी। हालांकि शिकायत के बाद NaMo TV बंद तो नहीं हो सका, लेकिन चुनाव आयोग ने इसे राजनीतिक विज्ञापन माना है।  NaMo TV पर अब ऐसे कंटेंट नहीं दिखाए जा सकेंगे। पिछले हफ्ते सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने चुनाव आयोग को जवाब दिया था कि NaMo टीवी उसके दायरे में नहीं आता है क्योंकि यह DTH (डायरेक्ट-टू-होम) ऑपरेटरों के लिए एक स्पेशल प्लेटफॉर्म के रूप में काम कर रहा है। इस रिपोर्ट में पढ़िए NaMo TV पर विवाद क्या है और डीटीएच चैनलों के लिए क्या कानून है।

NaMo TV पर क्या है विवाद?
ये चैनल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों का प्रसारण करता है। चुनाव आयोग को अपनी शिकायत में, AAP ने यह जानना चाहा था कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद किसी पार्टी को अपना टीवी चैनल शुरू करने की अनुमति कैसे दी गई। वहीं कांग्रेस ने सवाल किया था कि क्या नमो टीवी को IB मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। 

ये चैनल कुछ डीटीएच प्लेटफार्मों पर हिंदी समाचार चैनलों में सूचीबद्ध है। हालांकि, ऐसे किसी भी चैनल का उल्लेख IB मंत्रालय द्वारा अनुमति प्राप्त चैनलों की सूची में नहीं है। सभी सैटेलाइट-आधारित चैनलों को देश में डाउनलिंक किए जाने की मंत्रालय की अनुमति की आवश्यकता होती है, चाहे इसकी कंटेट कुछ भी हो या जिस किसी भी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हो।

फिर, इस चैनल की अनुमति कैसे है?
IB मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से चुनाव आयोग को बताया है कि NaMo टीवी एक "प्लेटफॉर्म सेवा" है। ऐसी सेवाओं के लिए, IB की अनुमति आवश्यक नहीं है।

प्लेटफॉर्म सर्विस क्या है?
ऐसे कई तरीके हैं जिससे दर्शक अपने टीवी - पर चैनल प्राप्त कर सकते हैं। केबल टीवी सेवाओं  को मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर्स, या लोकल केबल ऑपरेटर्स, डीटीएच सेवाओं, इंटरनेट प्रोटोकॉल टेलीविज़न सेवाओं, हेडेंड-इन-द-स्काई, और छोटे भौगोलिक क्षेत्रों में टेरेस्टियल टीवी सेवाओं के माध्यम से प्राप्त किए जा सकता है। इन सभी को एक साथ डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स (डीपीओ) कहा जाता है।

फिर से, टीवी पर चार प्रकार के चैनल हैं: प्राइवेट सैटेलाइट चैनल, जो सैटेलाइट के माध्यम से प्रसारित होते हैं और IB अनुमतियों की आवश्यकता होती है; सार्वजनिक प्रसारणकर्ता प्रसार भारती द्वारा संचालित दूरदर्शन चैनल; प्लेटफ़ॉर्म सेवा चैनल, जो DPO के माध्यम से संचालित होते हैं और विशेष रूप से अपने स्वयं के ग्राहकों को वितरित किए जाते हैं; ग्राउंड-आधारित चैनल जो एक मजबूत स्थानीय फोकस के साथ आते हैं और "स्थानीय चैनल" के रूप में संदर्भित होते हैं, आमतौर पर अधिकांश केबल टीवी नेटवर्क का एक अभिन्न अंग होते हैं।

प्लेटफ़ॉर्म सेवाएं कुछ चैनल हैं जो स्थानीय केबल ऑपरेटरों और डीटीएच ऑपरेटरों द्वारा प्रदान किए जाते हैं, विशेष रूप से उनके अपने दर्शकों के लिए। ये प्रसारकों (जो सैटेलाइट आधारित चैनल चलाते हैं) द्वारा प्रस्तुत नहीं किए जाते हैं और वर्तमान में नियमों के दायरे से बाहर हैं। दूसरी ओर, सैटेलाइट-आधारित चैनल केवल तभी प्रसारित किए जा सकते हैं जब वे भारत सरकार के साथ पंजीकृत हों, जिसका अर्थ है कि उनके पास IB की अनुमतियां हैं।

2014 में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने प्लेटफ़ॉर्म सेवाओं को परिभाषित किया था। "प्लेटफ़ॉर्म सेवाएं (PS) डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफ़ॉर्म ऑपरेटर्स (DPO) द्वारा अपने स्वयं के ग्राहकों के लिए विशेष रूप से प्रसारित कार्यक्रम हैं और इसमें दूरदर्शन चैनल और पंजीकृत टीवी चैनल शामिल नहीं हैं। PS में विदेशी टीवी चैनल शामिल नहीं होंगे जो भारत में पंजीकृत नहीं हैं।"

ऐसी सेवाओं के अंतर्गत क्या आ सकता है?
स्थानीय केबल ऑपरेटर अपने भौगोलिक क्षेत्र से जुड़ी सामग्री दिखाने के लिए अक्सर ऐसे चैनलों का उपयोग करते हैं, और इसमें स्थानीय समाचार शामिल होते हैं। हालांकि, डीटीएच ऑपरेटरों ने ऐसी प्लेटफ़ॉर्म सेवाओं का उपयोग किया है, जो ग्राहकों को "ऑन-डिमांड" जैसी सामग्री तक पहुंच प्रदान करती हैं, जैसे फिल्में-ऑन-डिमांड, वीडियो-ऑन-डिमांड, पे-पर-व्यू और इंटरएक्टिव सेवाएं जैसे गेम, शिक्षा, आदि। जिसके लिए ग्राहकों को भुगतान करना पड़ता है।

क्या NaMo TV प्लेटफॉर्म सर्विस है?
देश में कई सारे डीटीएच प्लेटफॉर्म पर NaMo टीवी उपलब्ध है। जबकि प्लेटफ़ॉर्म सेवाएं पारंपरिक रूप से प्रत्येक डीटीएच ऑपरेटर द्वारा विशेष रूप से पेश की जाती रही हैं। ट्राई की परामर्श प्रक्रियाओं के दौरान, 2014 और इससे पहले 2006 में, डीटीएच ऑपरेटरों ने ऐसी सेवाओं के लिए विशेष नियमों के खिलाफ तर्क दिया था। हालांकि, 2014 में ट्राई ने इन सेवाओं के लिए व्यापक नियमों की सिफारिश की, चाहे वे स्थानीय केबल ऑपरेटरों या डीटीएच सेवा प्रदाताओं के स्वामित्व वाले हों।

इन सिफारिशों में TRAI ने कहा कि ऐसी सभी सेवाओं को ऑपरेटर द्वारा IB मंत्रालय के साथ पंजीकृत किया जाना चाहिए। इसमें इकाई का नाम, उस कंपनी के विवरण के साथ-साथ मालिक जिसे इसका लाभ मिल रहा है उसका नाम होना चाहिए। TRAI ने यह भी सिफारिश की थी कि प्लेटफ़ॉर्म सेवाओं को अन्य नेटवर्क के साथ साझा करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए (NaMo TV कई नेटवर्क पर चल रहा है)। हालांकि, प्लेटफॉर्म सेवाओं के लिए कोई कानून अभी तक लागू नहीं हुआ है।

एक सवाल ये भी है कि अगर NaMo TV ‘स्पेशल सर्विस प्लेटफॉर्म’ है और कोई सैटेलाइट ब्रॉडकास्ट नहीं है तो फिर सैटेलाइट सिग्नल्स रिसीव करने वाली डिश के माध्यम से दुनिया में इसे हर कही नहीं देखा जा सकता। हालांकि दुनिया भर के चैनल्स की लिस्टिंग देखने, उनके डेटाबेस में जाकर उनकी फ्रीक्वेंसी, सैटेलाइट, सैटेलाइट पोज़ीशनिंग और डाउनलिंकिंग इन्फो की जानकारी रखने वाली वेबसाइट www.lyngsat.com और https://flysat.com पर NaMo TV की  जानकारी उपलब्ध है।

NaMo TV एसईएस (SES) नाम के सैटेलाइट ऑपरेटर के एनएसएस (NSS-6) नाम के सैटेलाइट पर प्रसारित हो रहा है इसकी फ्रीक्वेंसी बेकन/बीम- 11037/48-56 है और यहीं पर इसकी बाकी तकनीकी जानकारी भी है, जिसके ज़रिये इसे डाउनलिंक किया जाता है। NSS 6, लक्ज़मबर्ग स्थित दुनिया की लीडिंग कम्पनी एसईएस वर्ल्ड स्काइज़ (SES World Skies) द्वारा ऑपरेटेड कम्युनिकेशन सैटेलाइट है।

वेबसाइट पर ये भी जानकारी दी गई है कि ये चैनल डिश टीवी इंडिया की फ्रीक्वेंसी से ब्रॉडकास्ट हो रहा है। फ्लाईसेट के मुताबिक नमो टीवी को सैटेलाइट सिग्नल्स रिसीव करने वाली डिश के माध्यम से दुनिया में कहीं भी, केयू (Ku) बैंड पर देखा जा सकता है।

क्या ये सेवाएं बिल्कुल भी रेगुलेट नहीं है?
चूंकि इन सेवाओं को IB मंत्रालय से अनुमति की आवश्यकता नहीं है, उन्हें उस मंत्रालय द्वारा दंडित नहीं किया जा सकता है, जो केवल इसके साथ सूचीबद्ध पारंपरिक चैनलों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। हालांकि, इस बात की परवाह किए बिना कि सेवा का मालिक कौन है, दो कानून अभी भी लागू हैं: संविधान के अनुच्छेद 19 में उल्लेखित फ्री स्पीच पर प्रतिबंध इस बात पर लागू होगा कि इस तरह की प्लेटफॉर्म सेवाओं पर क्या दिखाया जा रहा है, चाहे वह IB मंत्रालय के साथ पंजीकृत हो या नहीं। दूसरा ऐसी सेवाओं का कंटेंट केबल टीवी अधिनियम, 1994 के विज्ञापन और कार्यक्रम कोड के तहत होना चाहिए।

Created On :   10 April 2019 5:45 PM IST

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