श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में नामीबियाई मादा चीता ने 4 शावकों को जन्म दिया
- पहले भारतीय चीता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में नामीबियाई मादा चीता ने 4 शावकों को जन्म दिया। ये पहले ऐसे शावक है जिन्होंने नामीबिया से आए चीतों से भारत भूमि पर जन्म लिया है।
#WATCH मध्य प्रदेश: श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में नामीबियाई मादा चीता ने 4 शावकों को जन्म दिया।
(वीडियो सौजन्य: वन विभाग) pic.twitter.com/W7k9TxEyfd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 29, 2023
प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल के प्रमुख जे.एस. चौहान ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 17 सितंबर को PM मोदी द्वारा छोड़े गए 3 चीतों में से एक मादा चीता ने 4 शावकों को जन्म दिया है। जो शावक पैदा हुए हैं वो पहले भारतीय चीता हैं।
17 सितंबर को PM मोदी द्वारा छोड़े गए 3 चीतों में से एक मादा चीता ने 4 शावकों को जन्म दिया है। जो शावक पैदा हुए हैं वो पहले भारतीय चीता हैं: जे.एस. चौहान, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल के प्रमुख, भोपाल pic.twitter.com/vdNXHSTb9j
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 29, 2023
आपको बता दें इससे पहले नामीबिया से मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आई मां चीता साशा की 27 मार्च 2023 को इलाज के दौरान मौत हो गई थी। बीते कल ही कूनो नेशनल पार्क में उसका अंतिम संस्कार किया गया। चीता की मौत को लेकर टाइगर प्रोजेक्ट पर सवाल उठने लगे। भले ही चीता की मौत के पीछे की वजह किड़नी में संक्रमण बताया जा रहा है, लेकिन ये सवाल भी उठाये गए, कि नामीबिया जानबूझकर भारत को बीमार चीतों को भेजा गयै। हालांकि। चीतों को भारत भेजने से पहले नामीबिया में उन्हें क्वारंटीन किया गया था। कई बार उनका मेडिकल चेकअप हुआ था। कूनो नेशनल पार्क में साशा की मौत के बाद सीसीएफ ने स्पष्ट किया है कि भारत भेजे गए सभी चीतों का व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया था। इसमें अल्ट्रासाउंड, ब्लड ड्रॉ और फिजिकल जांच शामिल है।
मादा चीते की मौत ने इस प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों को झकझोर दिया है। चीतों की देखभाल में लगी टीम लगातार जांच कर रही है। टीम ने साशा को बचाने के लिए अथक प्रयास किए थे। वहीं, पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से जारी आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि साशा भारत में स्थानांतरित होने से पहले बीमार थीं। सीसीएफ ने कहा कि साशा का किडनी वैल्यू बढ़ा हुआ था लेकिन कोई असामान्यता नहीं पाई गई थी। हालांकि बाद में उसके किडनी का खराब होना, यह चीतों में स्ट्रेस की वजह से आम बात है। सीसीएफ ने नामीबिया से कूनो जंगल में चीतों के स्थानांतरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
Created On :   29 March 2023 4:43 PM IST